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    अब माता वैष्णो देवी मेडिकल कालेज आंदोलन से संत समाज को जोड़ेगी संघर्ष समिति, कहा- 'जन-जन की बनाएंगे आवाज'

    By Ashok Sharma Edited By: Rahul Sharma
    Updated: Thu, 27 Nov 2025 01:03 PM (IST)

    कटरा में, संघर्ष समिति माता वैष्णो देवी मेडिकल कॉलेज की समस्याओं के समाधान के लिए अब संत समाज को अपने आंदोलन में शामिल करेगी। समिति का लक्ष्य है कि इस मुद्दे को जन-जन तक पहुंचाया जाए ताकि हर व्यक्ति की आवाज सुनी जा सके और मेडिकल कॉलेज की स्थिति में सुधार हो।

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    संघर्ष समिति का कहना है कि मुद्दा सिर्फ इतना है कि हिंदुओं के चढ़ावे का पैसा हिंदुओं पर ही खर्च होना चाहिए। 

    जागरण संवाददाता, जम्मू। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के मेडिकल कालेज में 50 से 42 सीटें मुस्लिम समुदाय के छात्रों को देने के मुद्दे पर आंदोलन चला रही संघर्ष समिति ने इसे जन-जन की आवाज बनाने के लिए अब साधु संत समाज को जोड़ने की तैयारी की है। साथ ही जिला, तहसील और ब्लॉक स्तर पर कमेटियां भी बनाई जा रही हैं। इसके अलावा जिलों में संघर्ष समिति के बैनर तले विभिन्न संगठन प्रदर्शन भी कर रहे हैं। 

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    इस बीच, भाजपा ने भी संघर्ष समिति के आंदोलन को समर्थन देते हुए सरकार पर श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड विश्वविद्यालय एक्ट में संशोधन का दबाव बढ़ाते हुए मेडिकल कालेज में हिंदू विद्यार्थियों को दाखिले में प्राथमिकता देने पर जोर दिया। इसके साथ संघर्ष समिति ने एक बार फिर साफ किया कि यह आंदोलन किसी समुदाय विशेष के छात्रों के खिलाफ नहीं है। उनका मुद्दा सिर्फ इतना है कि हिंदुओं के चढ़ावे का पैसा हिंदुओं पर ही खर्च होना चाहिए। 

    संघर्ष समिति ने बनाई दो विशेष टीमें

    संघर्ष समिति ने बुधवार को एक और बड़ा कदम उठाते हुए आध्यात्मिक और सामुदायिक नेतृत्व तक सीधे पहुंच बनाने के लिए दो विशेष टीमों के गठन की घोषणा की। समिति के संयोजक सेवानिवृत्त कर्नल सुखबीर सिंह मनकोटिया ने कहा कि संघर्ष को आधे-अधूरे समर्थन से नहीं बल्कि सभी के सहयोग से आगे बढ़ाया जाएगा। 

    मनकोटिया ने कहा कि समाज में संत-महात्माओं, साधुओं और विभिन्न समाजों, सोसायटियों के प्रमुखों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है। समिति यह सुनिश्चित करेगी कि पूरा मामला प्रदेश के हर प्रभावशाली धार्मिक व सामाजिक नेतृत्व के सामने स्पष्ट रूप से रखा जाए।

    उन्होंने कहा कि अगर किसी को लगता है कि संघर्ष समिति अकेली है, तो यह उनकी भूल है।वह प्रदेश के हर संत, हर साधु और हर समुदाय तक पहुंच बना रहे हैं। उन्हें पूरा भरोसा है कि सभी का समर्थन उन्हें मिलेगा।इसी का परिणाम है कि जिला स्तर और कई दूसरे स्थानों पर शांति पूर्ण प्रदर्शनों का सिलसिला शुरू हो चुका है।पूरा हिंदू समाज उनके साथ खड़ा है।आगामी दिनों में आंदोलन बडे़ स्तर पर चले इसके लिए काम युद्धस्तर पर शुरू कर दिया गया है। 

    मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भाजपा को घेरा

    वहीं मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने एक दिन पहले कटाक्ष करते हुए कहा था कि अगर भाजपा गैर कश्मीर हिंदुओं को श्राइन बोर्ड के मेडिकल कालेज से दूर रखना चाहती है तो वह इसे अल्पसंख्यक संस्थान घोषित करने का दबाव बनाए। हमारे बच्चों (मुस्लिम छात्रों) को बांग्लादेश या तुर्की जैसे देश में प्रवेश मिल जाएगा। उन्होंने इस आंदोलन को पूरी तरह अनावश्यक भी बताया था।