Jammu Kashmir: इतने वीर थे शहीद ASI Babu Ram, 14 मुठभेड़ों में 28 दुर्दांत आतंकी कमांडरों को मार गिराया
एएसआइ बाबू राम ने लोगों को बचाते हुए तुरंत हवा मे फायर किया । इससे आतंकी घबरा गए और जान बचाते हुए निकटवर्ती मोहल्ले में दाखिल हो गए। बाबू राम ने अपने साथियों संग उनका पीछा किया और कुछ ही देर में आतंकियों को एक मकान में घेर लिया।
श्रीनगर, जागरण ब्यूरो। स्थान: श्रीनगर का प्रवेशद्वार पंथा चौक, समय: सायं 5.30 बजे, दिनांक: 29 अगस्त, जम्मू कश्मीर पुलिस में असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर बाबू राम अपने दस्ते के साथ हाइवे से गुजरने वाले और वाहनेां पर नजर रखे हुए थे। इसी दौरान एक स्कूटी पर तीन आतंकी आए। उन्होंने वहां सड़क किनारे भीड़ में खड़े अर्धसैनिक बल के एक जवान पर अचानक हमला कर, उससे उसका हथियार छीनने का प्रयास करते हुए उस नाका पार्टी पर अधांधुध गोलियां दागी।
इससे वहां अफरा-तफरी मच गई, एएसआइ बाबू राम ने लोगों को बचाते हुए तुरंत हवा मे फायर किया । इससे आतंकी घबरा गए और जान बचाते हुए निकटवर्ती मोहल्ले में दाखिल हो गए। बाबू राम ने अपने साथियों संग उनका पीछा किया और कुछ ही देर में आतंकियों को एक मकान में घेर लिया।
एएसआइबाबू राम के लिए यह कोई पहली घटना नहीं थी। आतंकरोधी अभियानों में अक्सर आगे रहने वाले बाबू राम को अपनी वीरता और कर्तव्यनिष्ठा के लिए समयपूर्व पदोन्नति भी मिल चुकी थी। उन्होंने आतंकी ठिकाना बने मकान में फंसे लोगों को आतंकियें की गोलियों के बीच ही बाहर निकालने का अभियान शुरु किया। उन्होंने अपने दस्ते को निर्देश दिया कि वह आतंकियों की घेराबंदी न टूटने दें।
इस बीच, सुरक्षाबलों की अतिरिक्त टुकड़ियां भी पहुंच गई। आतंकियों को मार गिराने का अभियान स्थगित करते हुए उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए मनाने का प्रयास शुरु हो गया। रात 10 बजे तक यही क्रम चला। इस बीच खबर आई कि मकान में आतंकियों के साथ कुछ अैर लोग भी हैं। बाबू राम फिर आगे बढ़े अौर जब वह वहां फंसे लोगों को फिर निकालने लगे तो आतंकियों की गोली का शिकार हो गए। उन्होंने मोर्चा नहीं छोड़ा और लश्कर कमांडर साकिब बशीर के साथ अामने सामने की लड़ाई में डट गए। कुछ ही देर में साकिब ढेर हो गया।
घायल बाबू राम को अस्पताल ले जाया गया,जहां वह अपने जख्मों की ताव न सहते हुए चल बसे। साकिब के दो अन्य साथी उमर तारिक और जुबैर अहमद शेख भी इतवार की सुबह सूरज निकलने से पहले मारे गए। तीनों आतंकी द्रंगबल पांपोर के रहने वाले थे। साकिब वर्ष 2018 से सक्रिय था। वह बैंक डकैती , सुरक्षाबलों से हथियार छीनने, सुरक्षाकर्मियों पर पिस्टल शूटिंग और ग्रेनेड फेंकने की विभिन्न वारदातों के अलावा पंचायत प्रतिनिधयों को धमकाने के एक दर्जन से ज्यादा मामलों में पुलिस को वांछित था।
जिला पुंछ के मेंढर तहसील के रहने वाले एएसआइ बाबू राम अगर समय रहते त्वरित कार्रवाई न करते तो आतंकी एक बड़ी वारदात में कामयाब हो जाते। पंथाचौक मुठभेड़ में शहीद होने से पूर्व इस बहादुर ने करीब 14 मुठभेड़ों में 28 दुर्दांत आतंकी कमांडरों को मार गिराने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्हें उनकी योग्यता, पराक्रम, कर्तव्यनिष्ठा और राष्ट्रभक्ति के लिए मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया है।