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    Jammu Kashmir : महाराजा हरि सिंह के योगदान पर सवाल उठाने पर राज परिवार के तेवर तल्ख

    By ashok sharmaEdited By: Rahul Sharma
    Updated: Sat, 05 Nov 2022 09:20 AM (IST)

    अजातशत्रु ने कहा कि भारतीय इतिहास की जितनी तबाही कांग्रेस ने करवाई है उसे माफ नहीं किया जा सकता। लार्ड और मुगल कांग्रेस के चहेते रहे जिसके चलते सीमाओं ...और पढ़ें

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    भाजपा नेता अजातशत्रु ने कहा कि नेहरू के बाद भी कांग्रेस का जम्मू-कश्मीर को लेकर रवैया नकारात्मक ही रहा।

    जम्मू, जागरण संवाददाता : जम्मू कश्मीर के भारत में विलय और महाराजा की भूमिका पर कांग्रेस के सवाल उठाने के बाद राज परिवार के तेवर तल्ख हो गए हैं। महाराजा हरि सिंह के पुत्र और जम्मू कश्मीर के पहले सदर-ए-रियासत कर्ण सिंह के महाराजा के योगदान पर लिखे गए लेख पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया पर राज परिवार खुलकर हमलावर हो गया है।

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    महाराजा के पौत्र और कर्ण सिंह के पुत्र अजातशत्रु ने जवाहरलाल नेहरू और पूरी कांग्रेस पर सवाल उठाए। अजातशत्रु ने कहा कि जो लोग कर्ण सिंह की ओर से महाराजा हरि सिंह की उपलब्धियां गिनाने पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें याद रखना चाहिए कि महाराजा की दूरदर्शी सोच के चलते ही जम्मू-कश्मीर आज भारत का मुकुट बना हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने जो नेहरू की गलतियां गिनाई हैं, वह सही हैं।

    महाराज हरि सिंह को जितना लगाव जम्मू से था, उतना ही प्यार कश्मीर से भी था। कश्मीर महाराजा के दिल की धड़कन था। वह जम्मू-कश्मीर को आसमान की ऊंचाइयों पर देखना चाहते थे। इसलिए जब पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर पर कब्जे का प्रयास किया तो उन्होंने भारत के साथ विलय करके जम्मू-कश्मीर को भारत का ताज बनाया। उन्होंने कहा कि हमने अपने दादा व पिता से यही सीखा है कि जम्मू-कश्मीर हमारी जन्मभूमि ही नहीं, कर्म भूमि भी है।

    अजातशत्रु ने कहा कि भारतीय इतिहास की जितनी तबाही कांग्रेस ने करवाई है, उसे माफ नहीं किया जा सकता। लार्ड और मुगल, कांग्रेस के चहेते रहे, जिसके चलते सीमाओं का विस्तार करने वाले डोगरा शासकों की उपलब्धियां उन्हें नहीं दिखी। यह महाराजा की लोकप्रियता और उनकी उपलब्धियां ही थी कि लोगों ने उनके जन्मोत्सव पर छुट्टी के लिए इतना लंबा संघर्ष किया और आखिर सरकार को जनता की बात माननी पड़ी।

    भाजपा नेता अजातशत्रु ने कहा कि नेहरू के बाद भी कांग्रेस का जम्मू-कश्मीर को लेकर रवैया नकारात्मक ही रहा। कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर को सिर्फ जख्म दिए। कश्मीर में फैला आतंकवाद इसी का परिणाम है।

    कांग्रेस सरकार ने कभी इतना पैसा ही नहीं दिया कि सड़कें बन सकें : अजातशत्रु ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार चंद वर्षों में ही जम्मू कश्मीर में विकास से खुशहाली लाने में सफल रही है तो कांग्रेस नेता क्या करते रहे? उन्होंने कहा कि वह तो नेशनल कांफ्रेंस में पर्यटन मंत्री भी रहे और कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई हैं, लेकिन उस समय की कांग्रेस सरकार ने कभी इतना पैसा ही नहीं दिया कि तरीके से सड़कें भी बन सकें। इसी का परिणाम था कि कश्मीर में वर्ष भर में 20 से 30 हजार पर्यटक ही आया करते थे, लेकिन मोदी सरकार बनने के बाद जैसे ही विकास ने गति पकड़ी तो जम्मू कश्मीर में आने वाले पर्यटकों की संख्या भी 1.62 करोड़ पहुंच गई।

    कांग्रेस की नीतियों के कारण हजारों युवा मारे गए : अजातशत्रु सिंह ने कहा कि कांग्रेस की गलत नीतियों के कारण कश्मीर में हजारों की संख्या में युवा मारे गए। आज कश्मीरी युवा तेजी से मुख्यधारा में लौटा है। उसे भारत में अपना उज्ज्वल भविष्य दिखने लगा है। आज शायद ही कोई गांव रहा होगा, जिसे सड़क मार्ग से नहीं जोड़ा गया है। कांग्रेस काल में बंदूक उठाने वाला युवा आज फुटबाल, क्रिकेट और दूसरे खेल मैदानों में दिखने लगा है। जिस तरीके से मोदी सरकार काम कर रही है, अगर इसी सोच के साथ नेहरू और कांग्रेस के दूसरे प्रधानमंत्रियों के कार्यकाल में काम हुआ होता तो आज दुनिया भर का पर्यटक जम्मू कश्मीर पहुंचा होता।

    कर्ण सिंह ने कहा, पिता का अपमान स्वीकार्य नहीं : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह ने शुक्रवार को पार्टी के वरिष्ठ नेता व अपने सहयोगी जयराम रमेश पर पलटवार करते हुए कहा कि उनके पिता के बारे में अपमानजनक टिप्पणी स्वीकार्य नहीं है। कर्ण सिंह ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि उनके विचारों को उस भावना से लिया जाएगा, जिसमें उन्होंने लिखा था, न कि ऐसी टिप्पणियों का विषय बनाने के लिए। 

    यह है पूरा मामला : केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने हाल ही में जवाहर लाल नेहरू की जम्मू-कश्मीर नीति पर सवाल उठाए थे। इसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डा. कर्ण सिंह ने एक लेख के जरिए अपने पिता व महाराजा हरि सिंह का योगदान बताया तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर महाराजा की उपलब्धियों पर ही सवाल उठाते हुए कहा कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया, जिसे इतिहास में दर्ज किया जाता।