Move to Jagran APP

Lockdown Effect: आसमान छू रहे कीवी और पपीते के भाव, डॉक्टरों ने कहा- सभी सीजनल फल फायदेमंद

कोराेना में कीवी खाने से कोई शीघ्र रिक्वरी हो जाए ऐसा किसी रिसर्च में नही लिखा है।उनका कहना है कि कोरोना से ग्रस्ति मरीज कोई भी मौसमी फल खा सकता है। यहां तक कि केला भी मरीज को दिया जा सकता है।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Mon, 17 May 2021 09:32 AM (IST)Updated: Mon, 17 May 2021 12:01 PM (IST)
Lockdown Effect: आसमान छू रहे कीवी और पपीते के भाव, डॉक्टरों ने कहा- सभी सीजनल फल फायदेमंद
मरीजों को सलाह दी कि सीजनल फल कोरोना में सबसे अच्छा इलाज है।

 जम्मू, जागरण संवदादाता: कोरोना काल में क्या फल खाएं और क्या ना खाएं।लॉकडाउन में फलों के भाव आसमान छू रहे है।खासतौर पर वे फल जिन्हें डाक्टरों ने कोविड-19 से ग्रस्ति मरीजों को खाने की सलाह दी है।इनमें कीवी और पपीते की कीमत आम मरीज की जेब से बाहर है।छोटे पैकेट में 4 कीवी की कीमत 400 रूपये है, पपीता 80 रुपये किलों, मौसमी 150 रूपये किलों के हिसाब से बिक रही है।

loksabha election banner

कोरोना पीड़ित अतुल शर्मा के तीमारदार का कहना है कुछ डाक्टर ने सोशल मीडिया पर सलाह दी है कि इन फलों के सेवन करने को कहा है।विटामिन सी से परिपूर्ण इन फलों के सेवन से मरीज ठीक हो जाता है की सलाह हर कोई दे रहा है।लॉकडाउन में कोरोना के बीच फलों की मांग इन दिनों चार से पांच गुना बढ़ गई है। कीवी जो पहले प्रति 20 रुपये में मिल जाता था, अब 80 रुपये में बिक रहा है।पपीता जो 30 से 40 रुपये किलों में मिल जाता था, उसकी कीमत 80 रुपये किलों तक बाजार में पहुंच गई है।

आक्सीजन और उसकी बढ़ती कीमतों के साथ फलों की कीमत आसमान छूं रही है।लेकिन जम्मू चेस्ट डिजिज अस्पताल के विभागाध्यक्ष राहुल गुप्ता का कहना है कि कोविड में कोई भी फल मरीज को दे सकतें हैं।कोराेना में कीवी खाने से कोई शीघ्र रिक्वरी हो जाए ऐसा किसी रिसर्च में नही लिखा है।उनका कहना है कि कोरोना से ग्रस्ति मरीज कोई भी मौसमी फल खा सकता है। यहां तक कि केला भी मरीज को दिया जा सकता है।आम भी कोराेना मरीजों को दिया जा सकता है।उन्होंने मरीजों को सलाह दी कि सीजनल फल कोरोना में सबसे अच्छा इलाज है।

मौसमी से भी गला साफ होता है।डाक्टर राहुल ने सलाह दी कि स्वयं डाक्टर न बने और कोरोना में जो कुछ खा सकते है, उसे खाए। इससे आपकी इम्युनिटी बूस्ट होगी।कीवी से बेहतर तो मौसमी है।वहीं फल मंडियों में फलों के दाम इतने ज्यादा नही हैं, लेकिन कुछ दुकानदार इसे मंहगे दामों पर बेचने से बाज नही आ रहे हैं। यहां तक कि कृषि विभाग और मीट्रियोलॉजि विभाग कीमतों पर चैक करने में विफल रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.