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Amarnath Yatra 2022 : उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आफलाइन की बाबा बर्फानी की प्रथम पूजा और दर्शन

श्री अमरनाथ की गुफा में विराजमान हिमलिंग स्वरूप भगवान शंकर और मां पार्वती की वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजा हुई और इसके साथ ही श्री अमरेश्वर धाम की यात्रा भी शुरू हो गई।पहले दिन करीब छह हजार श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा की यात्रा की।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Published: Thu, 30 Jun 2022 09:06 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jun 2022 09:06 PM (IST)
Amarnath Yatra 2022 : उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आफलाइन की बाबा बर्फानी की प्रथम पूजा और दर्शन
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने राजभवन में अानलाइन बाबा बर्फानी के दर्शन कर प्रथम पूजा की।

बाल्टाल/नुनवन, राज्य ब्यूरो : रात का अंधेरा अभी छंटा नहीं था, सूरज पहाड़ों के पीछे कहीं गुम था। लेकिन बाल्टाल और नुनवन में बाबा बर्फानी के दरबार पहुंचने को बेकरार भक्तों के हर-हर महादेव और बम-बम भोले के जयघोष से पूरा वातावरण शिवमय हो चुका था। कुछ ही देर में अंधेरे की जगह अरुणिमा ने ली और श्रद्धालुओं के जत्थे अपने-अपने शिविरों से निकले और फिर पवित्र गुफा के लिए रवाना होने लगे। श्री अमरनाथ की गुफा में विराजमान हिमलिंग स्वरूप भगवान शंकर और मां पार्वती की वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजा हुई और इसके साथ ही श्री अमरेश्वर धाम की यात्रा भी शुरू हो गई।

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लगभग दो वर्ष बाद वीरवार को विधिवत शुरू हुई श्री अमरेश्वर धाम की वार्षिक तीर्थयात्रा के पहले दिन करीब छह हजार श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा की यात्रा की। श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के बतौर अध्यक्ष उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने राजभवन में अानलाइन बाबा बर्फानी के दर्शन कर प्रथम पूजा की। उनके साथ श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नितिश्वर कुमार और मुख्य सचिव डा. अरुण कुमार मेहता के अलावा चिनार कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एएस औजला भी थे। स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज उन प्रमुख श्रद्धालुओं में एक थे, जिन्होंने आज पवित्र गुफा में पहुंच कर प्रथम पूजा और दर्शन का लाभ प्राप्त किया।

समुद्रतल से करीब 3888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित श्री अमरेश्वर धाम जिसे श्री अमरनाथ की पवित्र गुफा भी पुकारा जाता है, की वार्षिक तीर्थयात्रा वर्ष 2020 और 2021 में कोविड से उपजे हालात के कारण नहीं हो पायी थी। वर्ष 2019 में इस तीर्थयात्रा को अगस्त के पहले सप्ताह में ही रोक दिया गया था। सिर्फ भगवान शंकर के मतवाले ही नहीं कश्मीर की स्थानीय आबादी का एक बड़ा वर्ग भी बेसब्री से इस तीर्थयात्रा की पुनर्बहाली का इंतजार का रहा था। पवित्र गुफा की तरफ जाने के लिए दो मार्ग हैं। परपंगरात मार्ग नुनवन, पहलगाम है और दूसरा मार्ग बाल्टाल का है। पहलगाम के रास्ते ही भगवान शंकर मां पार्वती को अमरत्व का ज्ञान देने के लिए पवित्र गुफा तक पहुंचे थे।

नुनवन पहलगाम में जिला उपायुक्त अनंतनाग पीयुष सिंगला और जनजातीय मामलों के सचिव शाहिद चौधरी ने 2750 श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाकर पवित्र गुफा के लिए रवाना किया। इस मार्ग से श्रद्धालुओं को दो से तीन दिन का समय पवित्र गुफा तक पहुंचने में लगता है। बाल्टाल में राजस्व सचिव विजय कुमार विधुड़ी ने जिला उपायुक्त गांदरबल श्यामबीर की मौजूदगी में श्रद्धालुओं के जत्थे को पवित्र गुफा के लिए रवाना किया। बाल्टाल मार्ग से 6823 श्रद्धालु रवाना हुए हैं। इनमें 5384 पुरुष, 1293 महिलाएं और 98 साधु हैं।

तीर्थयात्रा पूरी तरह शांत और स्मरणीय रहेगी : उपराज्यपा मनोज सिन्हा ने बाबा बर्फानी की पूजा करते हुए सभी के लिए सुख-समृद्ध की कामना की। उन्होंने भगवान शंकर से पूरी दुनिया में शांति और भारत की एकता अखंडता और संप्रभुता की मजबूती की कामना भी। उन्होंने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि देश-दुनिया के विभिन्न हिस्सों से श्री अमरनाथ जी का आशीर्वाद प्राप्त करने आ रहे श्रद्धालुओं के लिए यह तीर्थयात्रा पूरी तरह शांत और स्मरणीय रहेगी।


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