LG Manoj Sinha: हम दुनिया की शीर्ष तीन सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का हिस्सा, अब अकल्पनीय भी संभव हो रहा
उपराज्यपाल ने कहा कि एक दशक पहले जो अकल्पनीय लगता था वह अब संभव हो गया है। इस अमृत काल में भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति के रूप में उभरा है। हम दुनिया की शीर्ष तीन सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का हिस्सा बनने जा रहे हैं।

जम्मू, राज्य ब्यूरो। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने स्वतंत्रता सेनानी, राजनेता और दार्शनिक के रूप में डा. राम मनोहर लोहिया को याद किया। डा. लोहिया ने समानता, मानवीय गरिमा और सामाजिक न्याय के लिए अथक प्रयास किया और आम आदमी को नई आशा और आकांक्षा दी। जनता के नेता और सामाजिक समानता के अथक चैंपियन के रूप में डा. लोहिया की सात क्रांतियों ने सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक विचारों को एक नया आकार दिया और पुरुषों और महिलाओं के बीच समानता की पुरजोर वकालत की।
उपराज्यपाल ने न्यायसंगत और समतामूलक समाज की स्थापना और वंचित वर्गों के जीवन स्तर में सुधार के लिए डा. लोहिया के जीवन और अभियानों पर प्रकाश डाला। उपराज्यपाल वीरवार को आइटीएम ग्वालियर में डा. राममनोहर लोहिया स्मृति व्याख्यान में मुख्य भाषण दे रहे थे।उन्होंने कहा कि डा. लोहिया ने आर्थिक विषमता और सामाजिक अन्याय को दूर करने के लिए नवीन सामाजिक संरचना पर बल दिया।
पीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आर्थिक समानता, सामाजिक समानता और महिला सशक्तिकरण प्राप्त करने में हुई प्रगति पर उन्हें गर्व होता। सरकार की तमाम नीतियां और योजनाएं जनकेंद्रित हैं। उपराज्यपाल ने कहा कि एक दशक पहले जो अकल्पनीय लगता था, वह अब संभव हो गया है। इस अमृत काल में भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति के रूप में उभरा है और हम दुनिया की शीर्ष तीन सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं का हिस्सा बनने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहे हैं।
समाज के पूर्ण परिवर्तन के लिए प्रत्येक व्यक्ति में परिवर्तन आवश्यक है। हमें डा. लोहिया को श्रद्धांजलि के रूप में समतावादी और समावेशी समाज की स्थापना के लिए खुद को फिर से समर्पित करना चाहिए। उपराज्यपाल ने डा. लोहिया रचनाकारों की नज़र में नामक पुस्तक के दूसरे खंड के विमोचन पर शुभकामनाएं दीं। युवा पीढ़ी को भारत के स्वतंत्रता संग्राम और दलितों के उत्थान के लिए डा. राम मनोहर लोहिया जी के महत्वपूर्ण योगदान के बारे में बताया जाना चाहिए।
उपराज्यपाल ने छात्रों को जम्मू कश्मीर का दौरा करने और नए और रूपांतरित प्रदेश का अनुभव करने के लिए आमंत्रित किया। उपराज्यपाल ने क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानियों और मां भारती के महान पुत्रों भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को भी श्रद्धांजलि दी। चांसलर आइटीएम राम शंकर सिंह, गांधी पीस फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रोफेसर राजकुमार जैन, कुमार प्रशांत, केसी त्यागी, प्रयाग शुक्ला और बड़ी संख्या में आईटीएम ग्वालियर के छात्र और शिक्षक उपस्थित थे।

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