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    Jammu Kashmir : LG Sinha बोले- कश्मीर में 40 वर्ष बाद हुई बॉलीवुड की वापसी, अनुच्छेद 370 हटने के बाद विकास ने पकड़ी गति

    Updated: Tue, 08 Jul 2025 03:14 PM (IST)

    उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि नई फिल्म नीति से कश्मीर में बॉलीवुड की वापसी हुई है। अनुच्छेद 370 हटने के बाद कश्मीर में पर्यटन और विकास तेजी से बढ़ा है। घाटी में 5000 से ज्यादा नए होटल बने हैं। पहलगाम हमले के बाद कश्मीरियों ने आतंकियों के खिलाफ आवाज उठाई जो शांति के प्रति उनकी प्रतिबद्धता दिखाता है।

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    सरकार जम्मू कश्मीर में सुख-शांति और समृद्धि के लिए काम कर रही है।

    राज्य ब्यूरो, जागरण, श्रीनगर। उपराज्यपाल मनाेज सिन्हा ने मंगलवार को कहा कि नई फिल्म नीति की मदद से कश्मीर में बालीवुड की वापसी संभव हुई है। 40 वर्षों तक बालीवुड घाटी से दूर रहा। अब हम कश्मीर को भारतीय फिल्म उद्योग से फिर से जोड़ने के लिए काम कर रहे हैं।"

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    घाटी में 5,000 से अधिक नए होटल बने हैं, जो इस क्षेत्र में बढ़ते निवेश और विश्वास को दर्शाता है। पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए सिन्हा ने कहा कि इस हमले के खिलाफ हर कश्मीरी सड़क पर उतरा, लोगों ने आतंकियों और उनके संरक्षकों, उनके आकाओं के खिलाफ खुलकर आवाज उठाई। कश्मीर की मानसिकता में यह बदलाव, शांति के प्रति लोगों की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

    यह सब अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण होने के बाद संभव हो पाया है। कश्मीर में पर्यटन और विकास में अभूतपूर्व गति देखने को मिल रही है। उन्होंने कहा कि विगत कुछ वर्षाें के दौरान प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न मोर्चाें पर किए गए प्रयासोंं के कारण आज जम्मू कश्मीर में सुख-शांति और समृद्धि के मार्ग पर अग्रसर है।

    आज यहां एसकेआइसीसी में देश के विभिन्न राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के पर्यटन सचिवों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए उपराज्पाल मनोज सिन्हा ने कहा कि कश्मीर की सुंदरता और आध्यात्मिक समृद्धि ने हमेशा से सभी क्षेत्रों के लोगों को आकर्षित किया है। एक प्रसिद्ध कवि ने कहा है कि अगर इस धरती पर कहीं स्वर्ग है, तो वह यहीं है। शंकराचार्य से लेकर शेख-उल-आलम तक, इस घाटी को संतों और सूफियों का आशीर्वाद मिला है।

    उन्होंने पांच अगस्त 2019 के बाद जम्मू कश्मीर में आए बदलाव का उल्लेख करते हुए कहा कि अनुच्छे 370 के निरस्तीकरण के बाद कश्मीर में पर्यटन को काफी बढ़ावा मिला। पिछले साल ही 2.5 करोड़ से अधिक पर्यटकों ने घाटी का दौरा किया। उन्होंने कहा कि तीर्थ पर्यटन और सीमा पर्यटन जैसे नए क्षेत्रों में भी तेजी से वृद्धि हुई है।

    उन्होंने कश्मीर में जी20 पर्यटन कार्य समूह की बैठक का उल्लेख करते हुए कहा कि यह कश्मीर में पर्यटन क्षेत्र को गति देने, कश्मीर में शांति व सुरक्षा के वातावरण की बहाली की दिशा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर था।

    इससे वैश्विक स्तर पर यह कड़ा संदेश गया कि कश्मीर अंतरराष्ट्रीय जुड़ाव के लिए तैयार है। उन्होंने कश्मीर में खेल गतिविधियों के आयोजन पर भी प्रकाश डालते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय शीतकालीन खेल और कश्मीर मैराथन जैसे आयोजनों 13 देशों की भागीदारी कश्मीर मे हालात के सुरक्षित एवं विश्वासपूर्ण होने के वैश्विक समुदाय के विश्वास को दर्शाती है।

    पर्यटन के जरिए रोजगार की प्रदेश सरकार की नीतियों का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि जम्मू कश्मीर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2022 में होमस्टे नीति लागू की।इसने कई स्थानीय युवाओं, खासकर महिलाओं को सशक्त बनाया है।

    आज, कश्मीर में 65 प्रतिशत से अधिक होमस्टे महिलाओं द्वारा संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र की सप्रैड (एसपीआरईएडी -उभरते और महत्वाकांक्षी स्थलों के पुनरुद्धार के लिए विशेष परियोजनाएं) पहल का उल्लेख करते हुए कहा कि यह कम ज्ञात पर्यटन स्थलों को बढ़ावा देने में मदद कर रही है।

    उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि यह सम्मेलन आतंकवाद का मुंहतोड़ जवाब है और शांति, प्रगति और समृद्धि की ओर जम्मू-कश्मीर के बढ़ते कदम को दर्शाता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर एक अजेय शक्ति है और यह आगे भी फलता-फूलता रहेगा।

    पिछले कुछ वर्षों में कश्मीर के पर्यटन क्षेत्र में अभूतपूर्व परिवर्तन आया है। हमने पारंपरिक पर्यटन सर्किट को मजबूत किया है और पर्यटन के क्षितिज का विस्तार किया है। हमने सुनिश्चित किया है कि पर्यटन का लाभ जम्मू-कश्मीर के हर कोने तक पहुंचे और लोगों के जीवन में बदलाव आए।

    शांतिपूर्ण और सुरक्षित माहौल में ही पर्यटन क्षेत्र का विकास संभव है। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को खत्म करने में सुरक्षाबलों की बहुत बड़ी भूमिका है, लेकिन समाज की भूमिका भी कम नहीं है। समाज से अपनी आजीविका प्राप्त करने के आतंकवादियों के प्रयासों को विफल किया जाना चाहिए।

    आम नागरिक आतंकवाद के खिलाफ खड़े हो रहे हैं। पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों के खिलाफ सड़कों पर विरोध प्रदर्शन घाटी में स्थायी शांति स्थापित करने का एक अच्छा संकेत है। पूरे जम्मू कश्मीर को उठ खड़ा होना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि इस खूबसूरत केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवादियों के लिए कोई जगह न हो।

    उपराज्यपाल ने कहा कि हम जम्मू कश्मीर में सतत विकास और समावेशी विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उन्होंने श्रीनगर के टट्टू ग्राउंड में सेना से वापस प्राप्त किए गए एक भूखंड पर वाटर पार्क में विकसित किए जाने की घोषणा की।

    स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए एक नया मनोरंजक स्थान प्रदान करेगा।तीर्थयात्रा सुविधाओं को और बढ़ाने के लिए माता वैष्णो देवी मार्ग पर रोपवे का निर्माण किया जा रहा है।

     

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