Amarnath Yatra 2022: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने राहत कार्यों में तेजी लाने के दिए निर्देश, बोले- जल्द बहाल होगी अमरनाथ यात्रा
उपराज्यपाल ने कहा कि सेना अर्ध सैनिक बल एनडीआरएफ एसडीआरएफ सराहनीय कार्य कर रहे हैं। इससे पहले उपराज्यपाल पुलिस कंट्रोल रूम श्रीनगर गए और त्रासदी में मारे गए श्रद्धालुओं के पार्थिव शरीर उनके पैतृक जगहों पर भेजने के लिए किए जा रहे प्रबंधों की जानकारी दी गई।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने श्रीनगर में राजभवन में एक उच्च स्तरीय बैठक में अमरनाथ गुफा के पास जारी राहत व बचाव कार्यों की समीक्षा की। इससे पहले उपराज्यपाल ने शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस श्रीनगर में जाकर घायल श्रद्धालुओं का हाल जाना।
सेना की 15वीं कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल एएस औजला और पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने राहत व बचाव कार्यों की जानकारी दी। जीओसी ने कहा कि विभिन्न एजेंसियां बेहतर तालमेल से काम कर रही हैं और मलबा हटाने में सक्षम हैं। जल्द मलबा हटाने के प्रयास किए जाने चाहिए। पुलिस महानिदेशक ने घायल श्रद्धालुओं की स्थिति बारे में जानकारी दी। अधिकतर घायलों को छुट्टी दे दी गई है। कुछ का बालटाल व श्रीनगर अस्पतालों में इलाज चल रहा है, जिन्हें चौबीस घंटे में छुट्टी दे दी जाएगी।
उपराज्यपाल ने कहा कि सेना, अर्ध सैनिक बल, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ सराहनीय कार्य कर रहे हैं। इससे पहले उपराज्यपाल पुलिस कंट्रोल रूम श्रीनगर गए और त्रासदी में मारे गए श्रद्धालुओं के पार्थिव शरीर उनके पैतृक जगहों पर भेजने के लिए किए जा रहे प्रबंधों की जानकारी दी गई।
शिविरों में ही रहें श्रद्धालु, जल्द बहाल होगी अमरनाथ :
सिन्हा उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने अमरनाथ श्रद्धालुओं से आग्रह किया है कि वे शिविरों में ही रहें। प्रशासन उनको बेहतर तरीके से ठहराने की सभी सुविधाएं उपलब्ध करवा रहा है। हम यात्रा को जल्द बहाल करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों, डिप्टी कमिश्नर व कैंप निदेशकों को निर्देश दिए कि वे सुनिश्चित बनाएं कि शिविरों में श्रद्धालुओं का बेहतर सुविधाएं मिलनी चाहिए।
श्रद्धालुओं को जम्मू यात्री निवास न आने की हिदायत
जम्मू : पहलगाम व बालटाल के रास्ते यात्रा स्थगित होने के चलते जम्मू जिला प्रशासन ने श्री अमरनाथ यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को यात्री निवास न आने की हिदायत दी है। यात्री निवास में दो हजार श्रद्धालु रुके हैं जिसे देखते हुए प्रशासन ने श्रद्धालुओं को यात्री निवास आने की बजाय जिले में बनाए गए अन्य विश्राम स्थलों पर जाने की अपील की है।