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    लेह में हुए हिंसक प्रदर्शन के गवाहों को धमकाया तो होगी कड़ी कार्रवाई, न्यायिक आयोग ने दी चेतावनी

    Updated: Sat, 22 Nov 2025 05:30 AM (IST)

    लेह में 24 सितंबर को हुए हिंसक प्रदर्शन की जांच कर रही न्यायिक जांच समिति ने गवाहों को सुरक्षा का आश्वासन दिया है। आयोग ने कहा है कि गवाहों को धमकाने या दबाव बनाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। गवाहों को अपनी पहचान गुप्त रखने और सबूत पेश करने का अधिकार है। आयोग ने जनता से घटना से जुड़े सबूत पेश करने की अपील की है।

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    राज्य ब्यूरो, जम्मू। लेह में 24 सितंबर की हिंसक प्रदर्शन के दौरान हुई चार लोगों की मौत के मामले की जांच कर रही न्यायिक जांच समिति ने कहा कि इस मामले से जुड़े गवाहों या संबंधित व्यक्तियों को डराने-धमकाने, दबाव बनाने या किसी भी प्रकार से इस प्रक्रिया में बाधा पहुंचाने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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    शुक्रवार को लेह में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए न्यायिक जांच आयोग के संयुक्त सचिव रिग्जिन स्पालगोन ने कहा कि अगर किसी को पहले भी धमकाया गया है तो इस मामले में शिकायत दर्ज होने पर आयोग कार्रवाई करेगा।

    उन्होंने कहा कि अगर कोई सामने आने से डर रहा है तो आयोग उसकी पहचान को गुप्त रखेगा। उन्होंने कहा कि आडियो, वीडियो, सुबूत देने के बाद भी किसी को परेशान किया जाता है तो इस मामले में कार्रवाई करने का प्राविधान है। इस बारे में आयोग की ओर से नोटिस जारी किया गया है। गवाहों को पूरा सहयोग दिया जाएगा।

    रिग्जिन स्पालगोन ने कहा कि जांच आयोग ने स्पष्ट किया कि किसी भी तरह की धमकी, जबरन दबाव या दखलअंदाजी न केवल जांच प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास कानूनन दंडनीय अपराध भी है। उन्होंने कहा कि आयोग एक सुरक्षित व निष्पक्ष माहौल में ही सत्य व तथ्यों को सामने ला सकता है। ऐसे में हर शिकायत को गंभीरता से लिया जाएगा।

    न्यायिक जांच समिति ने कई बार लद्दाख की जनता से अपील की है कि वे 24 सितंबर को लेह में हुए प्रदर्शनों से संबंधित फोटो, वीडियो या अपने बयान उपलब्ध करवाने के लिए सामने आएं।

    घटना से जुड़े सबूत मेलोंगथांग स्थित अल्टरनेट इमरजेंसी रीड्रेसल सेंटर में जमा किए जा सकते हैं। अब गवाहों को विश्वास दिलाया जा रहा है कि उनके हितों का संरक्षण होगा।