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    लेह हिंसा को लेकर जांच समिति ने मांगी लोगों से मदद,11 नवंबर को मनाया जाएगा बलिदान दिवस

    Updated: Fri, 07 Nov 2025 01:07 PM (IST)

    लेह में 24 सितंबर को हुई हिंसा में 4 लोगों की मौत की जांच कर रही न्यायिक जांच समिति ने जनता से सबूत मांगे हैं। लद्दाख बौद्ध संगठन 11 नवंबर को 'बलिदान दिवस' मनाएगा और घायलों के लिए क्राउडफंडिंग जारी है। संगठन ने प्रशासन से शांति बनाए रखने की अपील की है।

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    फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, जम्मू। लेह में 24 सितम्बर की हिंसा के दौरान 4 मौतें होने की मांग कर रही न्यायिक जांच समिति ने लोगों से अपील की है कि वे इस घटना से संबधित किसी भी प्रकार का सबूत देने के लिए सामने आएं।

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    न्यायिक जांच समिति के प्रशासनिक, सदस्य सचिव तुषार अहमद व रिग्जिन स्पालगोन ने जनता से अपील की है कि वे घटना से संबंधित फोटो, वीडियो या अपने बयान उपलब्ध करवाने के लिए सामने आएं।

    घटना से जुड़े सबूत मेलोंगथांग स्थित अल्टरनेट इमरजेंसी रीड्रेसल सेंटर में जमा किए जा सकते हैं। समिति ने कहा है कि सच्चाई सामने लाने व निष्पक्ष व पारदर्शी जांच सुनिश्चित करने में जन सहभागिता अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने सभी उन लोगों से सहयोग का अनुरोध किया जिनके पास उस दिन की घटनाओं से संबंधित कोई भी महत्वपूर्ण जानकारी मौजूद है।

    वहीं, दूसरी ओर लद्दाख बौद्ध संगठन व लद्दाख गोंपा संगठन ने 24 सितम्बर विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए नागरिकों के 49वें दिन को 11 नवंबर को धर्मा सेंटर, लेह में बलिदान दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है।

    यह जानकारी लद्दाख बौद्ध संगठन के प्रधान छोरिंग दोरजे लाकरूक ने वीरवार को लेह में पत्रकार वार्ता के दौरान दी। उन्होंने लेह के लोगों से सामूहिक प्रार्थना में शामिल होने की अपील की। उन्होंने लद्दाख के विभिन्न गांवों में स्थानीय मठों व सामुदायिक केंद्रों पर भी श्रद्धांजलि व प्रार्थना सभाओं के आयोजन किया जाएगा।

    कई मुद्दों पर होगा विचार विमर्श

    लाकरूक ने बताया कि 24 सितंबर की घटना में घायल हुए लोगों की सहायता के लिए क्राउडफंडिंग अभियान जारी है। कई घायलों को अब भी दीर्घकालीन उपचार की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि 9 नवंबर को शेनम कम्युनिटी हाल में एक संगोष्ठी व खुली चर्चा भी आयोजित की जाएगी। इसमें बौद्ध नेतृत्व पर बढ़ते दबाव व हाल में गोबा पर हुए हमले जैसे मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

    इसी बीच लद्दाख बौद्घ संगठन ने प्रशासन से क्षेत्र में शांति बहाली व आम जनता के प्रति किसी भी प्रकार की अनुचित सख्ती या उत्पीड़न रोकने की मांग की है। दोनों धार्मिक संगठनों ने लद्दाख में शांति, सद्भाव व सामूहिक जिम्मेदारी के मूल्यों को बनाए रखने पर जोर दिया।