Leh Violence: न्यायिक आयोग ने शुरू की लेह हिंसा की जांच, पूर्व सैनिक सहित हुई थी चार लोगों की मौत
गृह मंत्रालय द्वारा गठित न्यायिक आयोग ने लेह हिंसा की जांच शुरू कर दी है, जिसमें एक पूर्व सैनिक सहित चार लोग मारे गए थे। सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस बीएस चौहान के नेतृत्व में आयोग पीड़ितों और अन्य लोगों से बात करेगा। लेह एपेक्स बाडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस न्यायिक जांच की मांग कर रहे थे।

राज्य ब्यूरो, जम्मू। गृह मंत्रालय की ओर से गठित न्यायिक आयोग ने शनिवार को लद्दाख के लेह जिला में 24 सितंबर को हुई हिंसा में करगिल युद्ध में हिस्सा लेने वाले एक पूर्व सैनिक सहित चार लोगों की मौत के मामले की जांच शुरू कर दी है।
सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस बीएस चौहान के नेतृत्व में आयोग का पैनल 25 से 28 अक्टूबर तक लोगों से बात करेगा। लेह के मेलोंगथांग क्षेत्र में बनाए गए केंद्र में पहले दिन हिंसा के पीड़ितों और अन्य कई लोगों ने अपने बयान दर्ज करवाए। लेह हिंसा के बाद लेह एपेक्स बाडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस का केंद्र के साथ गतिरोध उत्पन्न हो गया था।
दोनों ही संगठन न्यायिक जांच की मांग कर रहे थे। केंद्र सरकार ने 17 अक्टूबर को लेह हिंसा की न्यायिक जांच करवाने की घोषणा की थी। इसके बाद केंद्र की ओर से निमंत्रण मिलने पर लद्दाख के संगठन बातचीत के लिए दिल्ली भी गए थे और वार्ता सकारात्मक माहौल में हुई थी। लद्दाख के संगठन राज्य का दर्जा और छठी अनुसूचि में शामिल करने, हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को पर्याप्त मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं।
इसके अतिरिक्त पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक सहित सभी गिरफ्तार लोगों की तत्काल रिहाई भी चाहते हैं। लेह में जांच के पहले दिन कई गवाहों और पीड़ित परिवारों के सदस्य आयोग के सदस्यों से मिले। इस जांच के दौरान कोई भी इच्छुक व्यक्ति और पीड़ित न्यायिक पैनल के सदस्यों के समक्ष अपनी गवाही दर्ज करा सकता है।
बता दें कि पैनल में सेवानिवृत्त जिला और सत्र न्यायाधीश मोहन सिंह परिहार न्यायिक सचिव और आइएएस तुषार आनंद जांच आयोग के प्रशासनिक सचिव के रूप में कार्य कर रहे हैं।

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