लेह हिंसा मामले में सच सामने लाने के लिए न्यायिक जांच तेज, अब तक 22 अधिकारियों के बयान दर्ज, जानिए पूरी डिटेल
लेह हिंसा मामले में सच सामने लाने के लिए न्यायिक जांच तेज हो गई है। अब तक 22 अधिकारियों के बयान दर्ज किए गए हैं। जांच का उद्देश्य घटना की पूरी जानकारी ...और पढ़ें

उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश डा बीएस चौहान के नेतृत्व में जांच आयोग कर रहा है जांच। फाइल फोटो।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के लेह में 24 सितंबर को हिंसक प्रदर्शनों की जांच कर रहे न्यायिक जांच आयोग ने अपनी कार्यवाही में तेजी लाते हुए अब तक 22 अधिकारियों के बयान दर्ज कर लिए हैं।
जांच आयोग अपनी अगली बैठक में हिंसक प्रदर्शनों के सिलसिले में लोगों के बयान दर्ज करने की दिशा में कदम उठाएगी। इस दौरान इस मामले में अपने हलफनामे जमा करवा चुके लोगों के बयान दर्ज करने की तिथियां भी सार्वजनिक की जाएंगी।
लेह में हिंसक प्रदर्शनों के दौरान पुलिस की फायरिंग में 4 लोगों की मौत हो गई थी जबकि कई लोग घायल हो गए थे। स्थानीय संगठनों के लोगों की मौतों का मुद्दा लेह से लेकर दिल्ली उठाने के बाद केंद्र सरकार ने इस मामले में सच सामने लाने के लिए उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश डा बीएस चौहान के नेतृत्व में न्यायिक जांच आयोग के गठन की घोषणा की थी।
सुरक्षाबलों के 22 अधिकारियों के बयान लिए
जांच कर रहे न्यायिक जांच आयोग के संयुक्त सचिव रिगजिन स्पालगोन ने मंगलवार को यह जानकारी दी कि आयोग ने 17 दिसंबर से 23 दिसंबर, तक लगातार बैठकों कर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, कार्यकारी मजिस्ट्रेटों व लद्दाख पुलिस से जुड़े अधिकारियों के बयान रिकार्ड किए गए। अब तक आयोग की कार्यवाही के दौरान 24 सितंबर की घटना को लेकर लेह प्रशासन, सुरक्षाबलों के 22 अधिकारियों के बयान लिए गए हैं।
आयोग के संयुक्त सचिव ने यह भी स्पष्ट किया कि इन अधिकारियों द्वारा पहले से प्रस्तुत किए गए लिखित बयानों व दस्तावेज़ों का आयोग द्वारा गहन अध्ययन व परीक्षण भी किया गया है। यह प्रारंभिक जांच प्रक्रिया का हिस्सा था। इन दस्तावेज़ों के आधार पर मौखिक बयानों को सत्यापित किया गया। ऐसा घटना से जुड़े सभी तथ्यों व परिस्थितियों की निष्पक्ष पड़ताल सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है।
लोगों के बयान दर्ज करने की तिथियां सार्वजनिक की जाएंगी
उन्होंने आगे बताया कि आयोग की अगली बैठक निकट भविष्य में आयोजित की जाएगी। इसमें सामान्य जनता को भी अपने बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया जाएगा। इसके साथ ही पहले ही अपने हलफनामे जमा करवा चुके लोगों को बयान दर्ज करने के लिए जल्द की जाने वाली तिथियाें पर बुलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि बयान दर्ज करवाने के लिए तिथियां जल्द फाइनल कर ली जाएंगी।
न्यायिक जांच आयोग 24 सितंबर को लेह में घटना से जुड़े सभी पहलुओं की निष्पक्ष, पारदर्शी व तथ्यपरक जांच कर रहा है। ऐसा प्रदर्शनों का सच सामने लाने के लिए किया जा रहा है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके। आयोग द्वारा की जा रही यह प्रक्रिया प्रशासनिक व सुरक्षा एजेंसियों के साथ-साथ आम नागरिकों की भूमिका व अनुभवों को भी सामने लाने में महत्वपूर्ण होगी।

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