लेह में प्रतिबंधों में ढील, उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता के निर्देश के बाद सामान्य स्थिति बहाल करने की कवायद शुरू
उपराज्यपाल कविंद्र गुप्ता ने लेह में लगे प्रतिबंधों में ढील देने के निर्देश दिए हैं, ताकि सामान्य स्थिति बहाल हो सके। 24 सितंबर को हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद प्रशासन शांति स्थापित करने में जुटा है। उपराज्यपाल ने जनता से सहयोग और शांति बनाए रखने की अपील की है। लेह में स्कूल और बाजारों को खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं, हालांकि इंटरनेट सेवाएं अभी भी निलंबित हैं।

लेह में स्कूल और कॉलेजों को खोलने की तैयारी।फाइल फोटो।
राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। लद्दाख के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने प्रशासन को लेह जिले में लगाए गए प्रतिबंधों में ढील देकर सामान्य स्थिति बहाल करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने लेह में उच्चस्तरीय बैठक कर प्रदेश की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और जनता के सहयोगपूर्ण रवैये व सकारात्मक माहौल को देखते हुए चरणबद्ध तरीके से ढील देने को कहा।
आपको बता दें कि लेह में 24 सितंबर को लद्दाख में राज्य दर्जे व छठे अनुसूची की मांग को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए थे, जिसमें चार लोगों की मौत और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे। इसके बाद से लद्दाख प्रशासन क्षेत्र में प्रतिबंधों के बीच स्थायी शांति बहाल करने की दिशा में कार्रवाई कर रहा है।
शांति और एकता का संदेश
उपराज्यपाल गुप्ता ने कहा कि लद्दाख की प्रगति जनता के सहयोग, शांति और एकता पर निर्भर है। उन्होंने लेह के युवाओं से अपील की कि वे संयम बनाए रखें और क्षेत्र की शांति व सांप्रदायिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने की साजिशों को नाकाम बनाएं। लद्दाख का विकास व स्थिरता शांति पर निर्भर करती है, और एकता व भाईचारे को बनाए रखना हर एक नागरिक की जिम्मेदारी है।
प्रशासन की कार्रवाई
प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने उपराज्यपाल को सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए लेह में स्कूल, कॉलेज, बाजारों को खोलने की दिशा में किए गए प्रयासों के बारे में जानकारी दी। उपराज्यपाल ने लद्दाख की जनता के धैर्य, विश्वास और एकजुटता की प्रशंसा करते हुए कहा कि सरकार उनकी सुरक्षा और हितों की रक्षा के लिए संकल्पबद्ध है।
कड़ी निगरानी रख रहे
अधिकारियों ने बताया कि लेह शहर में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं अब भी निलंबित हैं और कारगिल सहित केंद्र शासित प्रदेश के अन्य प्रमुख हिस्सों में पांच या अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर प्रतिबंध संबंधी निषेधाज्ञा अभी भी लागू है। संवेदनशील इलाकों में पुलिस और अर्धसैनिक बलों की बड़ी संख्या में तैनाती की गई है और वे कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कड़ी निगरानी रख रहे हैं।
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