एलबी ने की फिर आंदोलन शुरू करने की घोषणा, 10 सितंबर को लेह में बहु-धार्मिक प्रार्थना सभा का ऐलान
लेह अपेक्स बॉडी ने 10 सितंबर से आंदोलन फिर शुरू करने का एलान किया है। यह आंदोलन लेह के शहीद पार्क में बहु-धार्मिक प्रार्थना सभा से शुरू होगा। एलएबी लद्दाख को राज्य का दर्जा देने छठी अनुसूची के अंतर्गत विशेष दर्जा देने जैसी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहा है। उनका आरोप है कि केंद्र सरकार बातचीत में देरी कर रही है।

राज्य ब्यूरो, जम्मू। लेह अपेक्स बॉडी ने शनिवार को एक अहम फैसला लेते हुए अपने चार सूत्रीय एजेंडे के समर्थन में आंदोलन फिर से शुरू करने की घोषणा की है। आंदोलन की शुरुआत 10 सितंबर को लेह शहर के शहीद पार्क में बहु-धार्मिक प्रार्थना सभा के साथ की जाएगी।
पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि हमने दलाई लामा की उपस्थिति के कारण अपना आंदोलन अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया था। अब जब वे वापस लौट चुके हैं, तो हम फिर से अपनी गतिविधियां शुरू कर रहे हैं।
एलएबी और करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस पिछले चार वर्षों से लद्दाख को राज्य का दर्जा, छठी अनुसूची के अंतर्गत विशेष दर्जा, अलग लोक सेवा आयोग और दो लोकसभा सीटों की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। हालांकि केंद्र सरकार के साथ कई दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन एलएबी का आरोप है कि मई के बाद से केंद्र सरकार ने बातचीत की प्रक्रिया में जानबूझकर देरी की है।
पिछले महीने करगिल में तीन दिवसीय क्रमिक भूख हड़ताल और रैली भी आयोजित की गई थी। एलएबी अध्यक्ष छेरिंग दोरजे ने पत्रकार वार्ता में कहा कि हमने 10 सितंबर को लेह के शहीद पार्क में शांतिपूर्ण बहु-धार्मिक प्रार्थना सभा के साथ आंदोलन को फिर से तेज करने का निर्णय लिया है। यह विरोध सुबह 11 बजे शुरू होगा, जिसमें एकता और अहिंसा का संदेश दिया जाएगा।
सोनम वांगचुक ने बताया कि यह फैसला एलएबी की एक महत्वपूर्ण बैठक में लिया गया है। उन्होंने कहा कि हम सभी नागरिकों से इस शांतिपूर्ण सभा में भाग लेने का आह्वान करते हैं, ताकि यह संदेश जाए कि हमारा आंदोलन पूरी तरह से शांतिपूर्ण और जन-जागरूकता पर आधारित है।
उन्होंने बताया कि एलएबी से जुड़े प्रत्येक गांव से पांच प्रतिनिधि भी इस सभा में शामिल होंगे। 10 सितंबर का विरोध कार्यक्रम केवल शुरुआत है, आगे के कार्यक्रम समय-समय पर घोषित किए जाएंगे। यह आंदोलन अब एक बार फिर लद्दाख में राजनीतिक और सामाजिक विमर्श के केंद्र में आ गया है।
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