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    Landslide in Vaishno Devi: देवदूत बने मजदूर, रफीक-खुर्शीद ने कई श्रद्धालुओं की बचाई जान; हौसले की हो रही तारीफ

    Updated: Mon, 21 Jul 2025 08:45 PM (IST)

    श्रावण मास में वैष्णो देवी मार्ग पर बाणगंगा में भूस्खलन हुआ। घोड़ा चालकों मोहम्मद रफीक और मोहम्मद खुर्शीद ने तत्परता दिखाते हुए श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाला। मलबे में दबे लोगों को बचाया और घायलों को मदद पहुंचाई। श्रद्धालुओं का कहना है कि बड़ा हादसा टल गया और कई जानें बच गईं।

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    देवदूत बनकर आए मजदूरों ने कई श्रद्धालुओं की बचाई जान। फोटो जागरण

    राकेश शर्मा, कटड़ा। श्रावण मास के पवित्र दूसरे सोमवार के दिन देश भर से आए श्रद्धालु मां वैष्णो देवी के दर्शन के लिए भवन की तरफ आ रहे थे। बारिश भी अपने रौद्र रूप में थी। इसके बाद भी श्रद्धालुओं के कदम लगातार भवन की ओर बढ़ रहे थे।

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    पर सुबह करीब 08:30 बजे मां वैष्णो देवी मार्ग पर बाणगंगा क्षेत्र में गुलशन लंगर के पास एकाएक भारी भूस्खलन हो गया। इस घटना में एक श्रद्धालु की मौत हो गई, जबकि 6 अन्य घायल हो गए।

    श्रद्धालुओं की सहायता के लिए मौके पर सबसे पहले पहुंचे घोड़ा चालक मोहम्मद रफीक ने बताया कि श्रद्धालुओं को घोड़ा सेवा देने के लिए वह प्रीपेड काउंटर पर इंतजार कर रहे थे, तभी अचानक पहाड़ी से पत्थर गिरना शुरू हो गए।

    स्थिति की गंभीरता को देखते हुए तुरंत ही जोर-जोर से आवाज लगाई और श्रद्धालुओं से कहा कि वह जगह को खाली कर दें।

    इसी बीच अपने साथी घोड़ा चालक मोहम्मद खुर्शीद को भी आवाज लगाई जब तक श्रद्धालु प्रीपेड काउंटर क्षेत्र से हट जाते तब तक भारी भूस्खलन हो गया और कुछ श्रद्धालु मलबे के बीच दब गए। जान की परवाह किए बगैर श्रद्धालुओं को मलबे से निकालने के लिए जुट गए।

    इसी बीच एक श्रद्धालु लोहे के एंगल के बीच फंसा हुआ था जिसके टांग में गहरी चोटें आईं, लेकिन हिम्मत के साथ एंगल आदि को हटाकर श्रद्धालु को घायल अवस्था में बाहर निकाला। इसी बीच पुलिस, श्राइन बोर्ड प्रशासन व अन्य अधिकारी मौके पर पहुंच गए।

    श्रद्धालुओं की मदद करने वाले दोनों घोड़ा चालक मोहम्मद रफीक तथा मोहम्मद खुर्शीद ने बताया कि प्रीपेड काउंटर के पास वाला क्षेत्र हर पल श्रद्धालुओं से भरा पड़ा रहता है, क्योंकि अधिकतर श्रद्धालु इस क्षेत्र में रुक कर घोड़ा पिट्टू तथा पालकी आदि की सेवाएं प्राप्त करते हैं।

    अगर श्रद्धालु तुरंत ही इस क्षेत्र से आगे पीछे नहीं होते तो जान माल का और ज्यादा नुकसान हो सकता था। वहीं इन दोनों मजदूरों के हौसले और जज्बे को हर कोई सलाम कर रहा है।

    श्रद्धालुओं का कहना है कि अगर मौके पर मजदूरों की सहायता नहीं मिलती तो पता नहीं कितने श्रद्धालु मलबे में नीचे दब जाते पर मां वैष्णो देवी की असीम कृपा तथा मजदूरों के तत्परता के कारण बड़ा हादसा होने से टल गया।