Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    J&K Industry Land Allocation Policy 2021-30: जम्मू-कश्मीर में उद्योग लगाने को लीज पर ही मिलेगी जमीन

    By Vikas AbrolEdited By:
    Updated: Sat, 23 Jan 2021 07:29 AM (IST)

    जम्मू-कश्मीर में उद्योग लगाने के लिए जमीन लीज पर ही दी जाएगी। उम्मीद की जा रही थी कि नई नीति में उद्योगपतियों को जमीनों का मालिकाना अधिकार मिलेगा। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में हुई प्रशासनिक परिषद की बैठक में उद्योग भूमि आवंटन नीति 2021-30 को मंजूरी दे दी गई।

    Hero Image
    जम्मू-कश्मीर में उद्योग लगाने के लिए जमीन लीज पर ही दी जाएगी।

    जम्मू, जागरण संवाददाता : जम्मू-कश्मीर में उद्योग लगाने के लिए जमीन लीज पर ही दी जाएगी। हालांकि उम्मीद की जा रही थी कि नई नीति में उद्योगपतियों को जमीनों का मालिकाना अधिकार दिया जाएगा। शुक्रवार को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में हुई प्रशासनिक परिषद की बैठक में उद्योग भूमि आवंटन नीति 2021-30 को मंजूरी दे दी गई। नीति के तहत उद्योगपतियों को 40 साल के लिए जमीन लीज पर दी जाएगी और इस लीज को 99 साल तक बढ़ाया जा सकता है। जमीन के लिए आवेदन करने के 45 दिनों के भीतर आवंटन करना अनिवार्य कर दिया गया है। इसी नीति के तहत मेडिकल व एजुकेशन संस्थानों को भी जमीन अलाट की जाएगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जम्मू-कश्मीर को देश का प्रमुख औद्योगिक केंद्र बनाने के लिए पिछले माह मोदी सरकार की ओर से घोषित 28,400 करोड़ रुपये के ऐतिहासिक औद्योगिक पैकेज को अमलीजामा पहनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जम्मू कश्मीर में उद्योग को ब्लाक स्तर पर बढ़ावा दिए जाएगा। भूमि आवंटन नीति के तहत ब्लाक व नगरनिगम क्षेत्राधिकार में औद्योगिक जोन विकसित किए जाएंगे और इन्हीं जोन में उद्योग विशेष की स्थापना होगी। शिक्षा क्षेत्र व मेडिकल क्षेत्र में अलग से जोन विकसित किए जाएंगे और इन्हें इन्हीं जोन में जमीन अलाट की जाएगी।

    तीन स्तरीय कमेटियां देंगी मंजूरी

    जम्मू-कश्मीर में अन्य राज्यों के भारी निवेश की उम्मीद लगाई बैठी सरकार ने जमीन आवंटन प्रक्रिया को सरल बनाते हुए तीन स्तरीय कमेटियों का गठन करने का फैसला लिया है। 200 करोड़ या उससे अधिक के निवेश वाले प्रस्तावों की समीक्षा करने व मंजूरी देने का अधिकार एपेक्स कमेटी के पास होगा। इसी प्रकार 50 से 200 करोड़ रुपये तक के निवेश को मंजूरी देने के लिए हाई लेवल कमेटी होगी और 50 करोड़ तक के निवेश को मंजूरी देने के लिए डिवीजनल स्तरीय कमेटी निर्णय लेगी। ये कमेटियां प्रस्ताव को मंजूरी देने में विलंब न करें, इसके लिए भी समय सीमा तय कर दी है। सभी कमेटियों के लिए तीस दिन के भीतर प्रस्ताव की समीक्षा करने व 45 दिनों के भीतर जमीन अलाट करने की अनिवार्यता होगी। हालांकि नई नीति भी लगभग पिछली नीति की तरह ही है।

    दो साल में ढांचा और तीन साल में शुरू करना होगा उत्पादन :

    नीति के तहत उद्योगपतियों के लिए दो साल के भीतर औद्योगिक ढांचा खड़ा करने व तीन साल के भीतर उत्पादन शुरू करने की शर्त रखी गई है। ऐसा न होने की सूरत में जमीन अलाटमेंट रद की जा सकती है।

    भूमि आवंटन नीति का हम स्वागत करते है। सरकार को इसी तरह बिजली कनेक्शन देने के लिए भी नीति लानी चाहिए। विभागीय औपचारिकताओं के चलते उद्योगपतियों को महीनों बिजली का कनेक्शन नहीं मिलता। इसकी भी समय सीमा तय हो। ललित महाजन, चेयरमैन फेडरेशन आफ इंडस्ट्रीज