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    दलाई लामा के लौटने के बाद स्थानीय मुद्दों पर गर्माएगी लद्दाख की सियासत, 26 अगस्त को लौटेंगे हिमाचल

    Updated: Tue, 19 Aug 2025 08:57 AM (IST)

    सितंबर में लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची जैसे मुद्दों पर सियासत तेज हो सकती है। दलाई लामा के लद्दाख दौरे के बाद लेह अपेक्स बाडी और कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस की बैठक होगी जिसमें केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति बनेगी। कारगिल में भूख हड़ताल हुई जिसमें राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची जैसे मुद्दे उठाए गए।

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    दलाई लामा के लौटने के बाद स्थानीय मुद्दों पर गर्माएगी लद्दाख की सियासत (File Photo)

    राज्य ब्यूरो, जम्मू। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को राज्य का दर्जा देने, संविधान की छठी अनुसूची जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर सियासत सितंबर में तेज होने की संभावना है। बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा लद्दाख के डेढ़ माह के दौरे पर हैं। वह 26 अगस्त को हिमाचल प्रदेश लौट जाएंगे।

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    उसके बाद लेह अपेक्स बॉडी व कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस की बैठक होगी, जिसमें क्षेत्रीय मुद्दों पर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति तय की जाएगी।

    दलाई लामा की उपस्थिति के कारण लद्दाख बुद्धिस्ट एसोसिएशन के अनुरोध पर जिले में धरने और प्रदर्शनों का आयोजन नहीं किया गया था। यह निर्णय दलाई लामा के कार्यक्रमों को ध्यान में रखते हुए लिया गया था।

    हालांकि, कारगिल में हाल ही में आयोजित तीन दिवसीय भूख हड़ताल में दोनों संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिसमें यह तय किया गया कि जल्द ही कारगिल के बाद लेह और लद्दाख के अन्य हिस्सों में धरने और प्रदर्शनों की रणनीति की घोषणा की जाएगी।

    इस समय लेह में दलाई लामा के कार्यक्रम जारी हैं। उन्होंने शनिवार को जेवेत्साल में एक धार्मिक कार्यक्रम में लोगों को संबोधित किया।

    इसके बाद रविवार को लद्दाख बुद्धिस्ट एसोसिएशन ने उनकी लंबी आयु की कामना के लिए जेवेत्साल में विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया। अब दलाई लामा के धार्मिक कार्यक्रमों का सिलसिला समाप्त होने को है।

    कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के पदाधिकारी सज्जाद कारगिली ने बताया कि केंद्र सरकार ने लद्दाख के मुद्दों पर बातचीत के लिए कोई संकेत नहीं दिया है, जो यह दर्शाता है कि केंद्र सरकार लद्दाख के मुद्दों को लेकर गंभीर नहीं है।

    दलाई लामा के लौटने के बाद दोनों संगठनों की संयुक्त बैठक में यह तय किया जाएगा कि लद्दाख के मुद्दों को लेकर आंदोलन को कैसे तेज किया जाए।

    उनका कहना है कि केंद्र सरकार की अनदेखी से स्थानीय निवासियों में रोष व्याप्त है, और हमें आंदोलन तेज करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

    वहीं कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के आह्वान पर कारगिल हुसैनी पार्क में जारी तीन दिवसीय हड़ताल नौ अगस्त को शुरू हुई थी। भूख हड़ताल में उठाए गए मुख्य मुद्दों में राज्य दर्जा, छठी अनुसूची, लेह और कारगिल के लिए अलग-अलग लोकसभा सीटें और लद्दाख के लिए अलग लोक सेवा आयोग शामिल हैं।