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    लद्दाख: सेना ने बर्फीली चोटियों पर फंसे दो कोरियाई पर्वतारोहियों को बचाया, एक की अस्पताल में मृत्यु

    Updated: Fri, 05 Sep 2025 07:45 PM (IST)

    लद्दाख की बर्फीली चोटियों पर फंसे दो दक्षिण कोरियाई पर्वतारोहियों को भारतीय सेना ने वीरतापूर्वक बचाया। सेना की एविएशन कोर ने दुर्गम इलाके में रात के अंधेरे में बचाव अभियान चलाया। 17000 फीट की ऊंचाई पर फंसे पर्वतारोहियों को अस्पताल पहुंचाया गया दुर्भाग्यवश उपचार के दौरान एक पर्वतारोही की मृत्यु हो गई। सेना ने त्वरित कार्रवाई कर एक बहुमूल्य जीवन बचाने का प्रयास किया।

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    लद्दाख की बर्फीली चोटी पर फंसे दो विदेशी नागरिकों का रेस्कयू (प्रतीकात्मक फोटो)

    राज्य ब्यूरो, जागरण जम्मू : भारतीय सेना अपने शौर्य के लिए जानी जाती रही है। लद्दाख की बर्फीली चोटियों पर विदेशी पर्यटकों के फंसे होने की खबर मिलते ही तुरंत सेना ने अंधेरे में चला ऑपरेशन चलाने का निर्णय लिया।

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    दुर्गम पहाड़ और करीब 17 हजार फीट की ऊंचाई पर फंसे दक्षिण कोरिया के दो पर्वतारोहियों को बचाने के लिए सेना की एविएशन कोर के पायलटों को चुनौतीपूर्ण रेस्क्यू आपरेशन की जिम्मेदारी दी। वीरवार रात तेज हवा के बीच दो पर्वतारोहियों को ढूंढ कर उन्हें अस्पताल पहुंचाया।

    इनमें लेह में उपचार के दौरान एक पर्वतारोही का निधन हो गया। घटना चार सितंबर की रात की है। जब दक्षिण कोरिया के दो पर्वतारोही कोंगमरुला चोटी के पास गंभीर रूप से बीमार हो गए। यह चोटी ‘मार्खा वैली ट्रेक’ का सबसे ऊंचा और कठिन हिस्सा है, जो समुद्र तल से करीब 17,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।

    इसकी सूचना सेना की फायर एंड फ्यूरी कोर को रात सवा आठ बजे मिलने के 15 मिनट बाद बचाव अभियान छेड़ा गया। हेलीकाप्टर को बेहद असमान और संकरी जगह पर उतारना पड़ा, लेकिन सेना की टीम ने साहस और कौशल दिखाते दोनों पर्वतारोहियों को सुरक्षित निकाला और लेह के सोनम नुरबू मेमोरियल अस्पताल पहुंचाया।

    उपचार के दौरान एक पर्वतारोही की मौत हो गई। सेना की फायर एंड फ्यूरी कोर ने यह जानकारी शुक्रवार को एक्स पर देते हुए एक दक्षिण कोरियाई नागरिक के निधन पर गहरे दुख का इजहार किया है।

    लद्दाख की अत्याधिक उंचाई वाले इलाकों की अत्याधिक ठंड व कम ऑक्सीजन वाले माहौल में कई बार बर्फबारी व बर्फीले तूफान पर्वतारोहियों के लिए मुश्किलें पैदा कर देते हैं। ठंड में फंस जाने पर फ्रासबाइट व हाइपो थर्मिया पर्वतारोहियों की जान के लिए खतरा बन जाता है।

    ऐसे हालात में सेना जोखिम भरे बचाव अभियान चलाकर लोगों को बचाने के लिए अभियान चलाते हैं। सेना की एविएशन कोर पूरा जोर लगाती कि त्वरित कार्रवाई से जानें बच जाएं। रेस्क्यू आपरेशन का वीडियो भी हुआ प्रसारित सेना ने इस रेस्क्यू आपरेशन का इंटरनेट मीडिया पर वीडियो भी जारी किया है।

    इस वीडियो में दिख रहा है कि किस तरह से सेना के जवान दोनों पर्यटकों को बारी-बारी से रेस्क्यू किया। सेना का हेलीकॉप्टर पहाड़ों की चोटी पर देर तक रुका रहा। दोनों पर्यटकों को रेस्क्यू करने के बाद सेना अपने बेस पर लौटी।

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