लद्दाख के मुद्दों पर गृह मंत्रालय की हाई पावर कमेटी की बैठक का इंतजार बढ़ा, महीना बीत जाने पर नहीं मिला निमंत्रण
लद्दाख के मुद्दों पर गृह मंत्रालय की हाई पावर कमेटी की बैठक के लिए संगठनों का इंतजार बढ़ रहा है। एक महीना बीतने के बाद भी निमंत्रण नहीं मिला है, जिससे ...और पढ़ें

लद्दाख संगठन राजनीतिक दलों के सांसदों से मिलकर संसद में मुद्दे उठाने का आग्रह कर रहे हैं।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। लद्दाख के मुद्दों को लेकर गृह मंत्रालय की हाई पावर कमेटी की बैठक के लिए क्षेत्र के संगठन निमंत्रण मिलने का इंतजार कर रहे हैं। करीब एक महीना बीतने के बाद गृह मंत्रालय की ओर से बैठक न बुलाने से लद्दाख के संगठनों में असंतोष बढ़ रहा है।
पांच माह बाद 22 अक्टूबर को गृह मंत्रालय की लद्दाख के संगठनों से बातचीत की प्रक्रिया शुरू होने पर कुछ दिनों के अंदर बैठक बुलाने पर सहमति बनी थी। अब तक बैठक के बारे में कोई फैसला न होने पर लद्दाख के संगठन विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसदों से मिल कर उनसे आग्रह कर रहे हैं कि संसद में लद्दाख के मुद्दों को मजबूती से उठाया जाए।
कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के पदाधिकारी सज्जाद कारगिली ने कुछ दिनों के दौरान लद्दाख के मुद्दों को लेकर आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह व नेशनल कान्फ्रेंस के सांसद आगा सैयद रूहुल्लाह महदी से बैठकें की हैं। इससे पहले लद्दाख के संगठनों ने कुछ राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों से भी समर्थन मांगा था। इसके बाद देश के विभिन्न हिस्सों से सामाजिक संगठनों के एक दल ने लद्दाख का दौरा किया था।
बैठक बुलाने में देरी सही नहीं
सज्जाद कारगिली का कहना है कि लद्दाख के मुद्दों पर दिल्ली में बैठक बुलाने में देरी सही नहीं है। इस तरह का दृष्टिकोण ही बाद में प्रदर्शन का कारण बनता है। उन्होंने बताया कि करीब पांच महीने के अंतराल के बाद अक्टूबर में हाई पावर कमेटी की बैठे अच्छे माहौल में हुई थी। अब इस बैठक का लटकना शक पैदा कर रहा है। लेह अपेक्स बाडी के सह अध्यक्ष छेरिंग दोरते का कहना है कि हमने बातचीत के मुद्दों को लेकर अपना प्रस्ताव गृह मंत्रालय को भेज दिया था।
पहले बैठक 22 अक्टूबर को हुई
अब हमें इस बारे में कुछ नहीं बताया कि बैठक बुलाने में देरी क्यों हो रही है। करीब पांच महीने के अंतराल के बाद लद्दाख के मुद्दों को लेकर गृह मंत्रालय की सब कमेटी की बैठक 22 अक्टूबर को दिल्ली में हुई थी। इसमें छठी अनुसूची, राज्य दर्जे, नौकरियों, भूमि अधिकारों की सुरक्षा पर बातचीत शुरू करने पर जोर दिया था।
गृह मंत्रालय के निर्देश पर नवंबर में क्षेत्र के संगठनों ने लद्दाख के मुख्य मुद्दों पर चर्चा संबंधी प्रस्ताव भी भेजा था। इसमें जोर दिया कि हाई पावर कमेटी लद्दाख को राज्य बनाने, छठी अनुसूची लागू करने जैसे मुख्य मुद्दों को हल करने के लिए इन पर बातचीत करे।

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