KDA, ABL की शांतिपूर्ण विरोध रैली से पहले लद्दाख प्रशासन ने लगाई पाबंदी, लेह एपेक्स बॉडी ने जताई नाराजगी
लद्दाख प्रशासन ने कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस और लेह एपेक्स बॉडी की शांतिपूर्ण रैली पर रोक लगा दी है। यह रैली लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर थी। लेह एपेक्स बॉडी ने इस फैसले पर नाराजगी जताई है और इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताया है। उन्होंने शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगों को उठाने की बात कही है।

24 सितंबर को हिंसा के दौरान चार लोग मारे गए थे और करीब 90 लोग घायल हुए थे।
डिजिटल डेस्क, जागरण, जम्मू। लेह एपेक्स बॉडी ने लद्दाख प्रशासन के उस फैसले पर कड़ी नाराजगी जताई, जिसमें लोगों को शांतिपूर्ण पीस मार्च में शामिल होने से रोका गया। यह मार्च आज शनिवार 18 अक्टूबर को आयोजित किया जाना था, जिसका उद्देश्य हाल ही में हुए हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों के प्रति एकजुटता व्यक्त करना था।
नेताओं ने बताया कि पाबंदियों के कारण साइलेंट पीस मार्च को टालना पड़ा। केवल कुछ एपेक्स मेंबर ही सिंगाय नामग्याल चौक पर इकट्ठा हो पाए, जिन्होंने अपना मैसेज देने के लिए मार्च शुरू किया। एपेक्स बॉडी के को-चेयरमैन, चेरिंग दोरजे लक्रुक को घर पर नजरबंद कर दिया गया था, जिससे मार्च के आयोजन पर संदेह उत्पन्न हो गया था।
न्यायिक जांच समिति की बनावट पर नाराजगी
एपेक्स बॉडी ने न्यायिक जांच समिति की बनावट पर भी नाराजगी जताई। उनका कहना है कि लद्दाखी प्रतिनिधियों को पूरी तरह से बाहर रखने से जांच प्रक्रिया एकतरफ़ा और गैर-प्रतिनिधि बन जाती है। एपेक्स बॉडी ने जोर दिया कि न्याय सुनिश्चित करने और जांच में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए स्थानीय आवाज़ों को शामिल करना आवश्यक है।
लद्दाख प्रशासन की प्रतिक्रिया
प्रशासन ने धारा 163 के तहत प्रतिबंध लगाए हैं, जिसमें कहा गया है कि कोई भी जुलूस, रैली या मार्च आदि की अनुमति सक्षम अधिकारी की पूर्व लिखित अनुमति के बिना नहीं दी जाएगी। इसके अलावा, मोबाइल इंटरनेट सेवाएं भी निलंबित कर दी गई हैं। यह घटना ऐसे समय में हुई है जब लद्दाख में हाल ही में हिंसा हुई थी, जिसमें चार लोग मारे गए थे और लगभग 100 लोग घायल हुए थे। एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस (केडीए) स्टेटहुड और छठी अनुसूची के तहत सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।
डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने जारी किया आदेश
डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट रोमिल सिंह डोंक ने ऑर्डर जारी करते हुए कहा कि यह लेह में कानून-व्यवस्था को संभावित खतरे की रिपोर्ट पर आधारित है। ऑर्डर में कहा गया है कि नियम तोड़ने पर BNS के सेक्शन 223 के तहत सज़ा वाली कार्रवाई की जाएगी। इसी बीच गत दिनों प्रेस कॉन्फ्रेंस में, लद्दाख के चीफ सेक्रेटरी डॉ. पवन कोटवाल ने कहा कि एडमिनिस्ट्रेशन किसी को भी “लद्दाख में शांति को फिर से पटरी से उतारने” की इजाज़त नहीं देगा। उन्होंने कन्फर्म किया कि MHA ने 24 सितंबर की घटना की ज्यूडिशियल जांच का ऑर्डर दिया है, जिसमें पुलिस एक्शन के बाद चार लोग मारे गए थे और करीब 90 लोग घायल हुए थे।
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