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जम्मू की धरती पर महक बिखेरेगा कलकत्तिया ओरंज गेंदा

यह ऐसे समय में फूल देगा जब गेंदें के फूल खेतों में नही होते। इसलिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है व भी इस खेती में आएं और अपनी आमदनी का बढ़ाएं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Sat, 05 Jan 2019 11:10 AM (IST)Updated: Sat, 05 Jan 2019 11:10 AM (IST)
जम्मू की धरती पर महक बिखेरेगा कलकत्तिया ओरंज गेंदा
जम्मू की धरती पर महक बिखेरेगा कलकत्तिया ओरंज गेंदा

जम्मू, जागरण संवाददाता। कलकत्तिया ओरंज गेंदा अब जम्मू की धरती पर भी अपनी महक बिखेरेगा। फ्लारिकल्चर विभाग द्वारा सफल ट्रायल के बाद इसके बीजाें और कटिंग से तैयार हुए पौधों को किसानों में उतारा जा रहा है। कलकत्तिया ओरेंज गेंदें क प्रति किसानों का भी रुझाान बढ़ा है और दर्जन भर किसानों ने इसकी खती की शुरूआत की है। इसका बड़ा कारण यह है कि यह फूल उस समय खिलते हैं जब जम्मू में दूसरा गेंदा नहीं होता या फिर बहुत ही कम होता है। अप्रैल से अगस्त तक यह कलकत्तिया गेंदा चलता है। इस किस्म के गेंदें के आने के बाद किसान साल में अधिकतम समय तक गेंदें के फूलाें की खेती कर सकेंगे। खास बात यह भी है कि कलकत्तियां गेंदा पैदावार भी खूब देता है। एक कनाल से 5 से 8 कनाल पैदावार प्राप्त हाेती है और 80 से 90 दिनों में तैैयार हो जाती है। यह वैरायटी दो पौधों सेे तैयार की गई हैै। आमतौर पर यह फूल बाहरी राज्याें से ही प्रदेश मं आते हैं और महंगे दामों पर बिकते हैं। किसानों नेे कहा कि गेंदें की खेती किसानों को पहले ही अच्छी कमाई दे रही है। मगर कलकत्तिया ओरेंज के आने के बाद किसानों को एक और फसल लेने का मौका मिल जाएगा। किसान कुलदीप राज ने कहा कि इस वैरायटी के बीज या पौधे किसानों में आसानी से पहुंचाए जाने चाहिए।

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लड्डू गेंदा भी कहते हैं

कलकत्तिया ओरेंज गेंदें को लड्डू गेंदा भी कहा जाता है। कारण यह कि यह लड्डू की तरह गाेल हाेता है और इसकी मालाएं आसानी से बनती है। इसलिए फूल मालाएं बनाने में यह फूल काफी उपयोगी है। सबसे बड़ी खासियत यह भी है कि फूल कई दिनाेें तक चल सकते हैं। जल्दी मुरझाते नही। इस कारण बाजार में भी कलकत्तिया गेंदं की अच्छी मांग रहती है।

कटिंग से भी होंगे तैयार पौधे

गेंदें के यह पौधे कटिंग से भी तैयार हो सकेंगे। एक बड़े पौधे से 30 से 40 कटिंग निकल सकती हैं। कुछ लोगोें ने जम्मू में भी कटिंग से पौधे तैयार करने का क्रम आरंभ किया है। फ्लोरिकल्चर विभाग ने भी कटिंग से पौधे तैयार किए हैं और सफल परिणाम भी आए हैं। इसका पौधा बाजार में एक डेढ़ रुपये में मिल जाता है।

यह खेती जोर पकड़ेगी

असिस्टेंट फ्लोरिकल्चर आफिसर डा. संजीव का कहना है कि कलकत्तिया ओरेंज गेंदें की खेती जम्मू में जोर पकड़ेगी क्योंकि यह ऐसे समय में फूल देगा जब गेंदें के फूल खेतों में नही होते। इसलिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है व भी इस खेती में आएं और अपनी आमदनी का बढ़ाएं। अब ता किसान साल में गेंदें की तीन फसलें तक ले सकता है और अच्छा मुनाफा कमा सकता है। 


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