जम्मू में बारिश और बाढ़ का कहर जारी, कई मकान क्षतिग्रस्त; 248 जानवरों की मौत
किश्तवाड़ जिले में अगस्त में भारी बारिश और बाढ़ से 400 से अधिक घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं जिनमें 52 पूरी तरह से नष्ट हो गए। आपदा में 248 जानवरों की मौत हुई और कृषि क्षेत्र को भी भारी नुकसान हुआ। उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा ने पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा की और कनेक्टिविटी बहाल करने पर जोर दिया।

संवाद सहयोगी, किश्तवाड़। जिला किश्तवाड़ में अगस्त में हुई भारी बारिश और बाढ़ ने 400 से अधिक घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया है। अधिकारियों के अनुसार इस आपदा के कारण 52 घर पूरी तरह से नष्ट हो गए, 105 गंभीर रूप से और 283 आंशिक रूप से प्रभावित हुए।
इसके अतिरिक्त, 125 पशुशालाओं और पांच धार्मिक ढांचों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। आपदा में 248 जानवरों की मौत हुई, जिससे स्थानीय लोगों की आजीविका पर असर पड़ा है।
किश्तवाड़ उपायुक्त पंकज कुमार शर्मा ने द्राबशाला ब्लाक में कुंतवाड़ा-ओहली रोड और किश्तवाड़-ठाठरी राजमार्ग का निरीक्षण किया और पुनर्निर्माण कार्यों की प्रगति की समीक्षा की।
उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी प्रकार की देरी या चूक के लिए जवाबदेही तय की जाएगी। सभी मौसमों में कनेक्टिविटी बहाल करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
अधिकारियों ने बताया कि कृषि क्षेत्र को भी भारी नुकसान हुआ है, जिसमें 1,000 कनाल फसल भूमि और 1,002 कनाल बागवानी भूमि प्रभावित हुई है।
बुनियादी ढांचे को भी नुकसान पहुंचा है, जिसमें चार पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अलावा, 29 पंचायत घर और सामुदायिक सूचना केंद्र भी प्रभावित हुए हैं।
अधिकारियों ने बताया कि 210 लोगों को उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए संवेदनशील क्षेत्रों से निकाला गया है। आकलन दल तबाही की पूरी सीमा का आकलन करने के लिए जमीनी स्तर पर सर्वेक्षण कर रहे हैं।
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