Kishtwar Cloudburst: कहां है मचैल माता मंदिर, बादल फटने से अब तक 46 लोगों की मौत; क्या है इस यात्रा का इतिहास?
किश्तवाड़ में मचैल यात्रा के दौरान बादल फटने से 46 लोगों की मौत हो गई। यह यात्रा 25 जुलाई से शुरू हुई थी जिसमें जम्मू-कश्मीर पंजाब हिमाचल प्रदेश और दिल्ली समेत अन्य राज्यों से श्रद्धालु भाग लेने आते हैं। मचैल माता का मंदिर किश्तवाड़ जिले के मचैल गांव में स्थित है।

डिजिटल डेस्क, जम्मू। किश्तवाड़ में मचैल यात्रा के दौरान आज बादल फटने की घटना से हाहाकर मच गया। इस घटना में अब तक 46 लोगों की मौत हो चुकी है। फिलहाल, यहां रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
ज्ञात हो कि जम्मू संभाग के किश्तवाड़ जिले में यात्रीगण मां चंडी के दर्शन करने के लिए यहां आते हैं। यह यात्रा 25 जुलाई से शुरू हुई थी। मचैल यात्रा में जम्मू-कश्मीर के अलावा पंजाब, हिमाचल प्रदेश व दिल्ली के अलावा अन्य राज्यों से भी श्रद्धालु भाग लेने आते हैं। इस यात्रा की देखरेख का जिम्मा किश्तवाड़ के अतिरिक्त जिला उपायुक्त पवन कोतवाल को मिला हुआ है।
किश्तवाड़ में मौजूद है मंदिर
मचैल माता देवी दुर्गा का एक मंदिर है, जिसे मचैल माता के नाम से भी जाना जाता है। यह धार्मिक स्थल जम्मू के किश्तवाड़ जिले के मचैल गांव में मौजूद है। गौरतलब है कि यहां मौजूद देवी दुर्गा को काली या चंडी के नाम से भी जाना जाता है।
क्या है मंदिर का इतिहास: मंदिर का इतिहास ज़ोरावर सिंह कहलूरिया की विजयों से जुड़ा है। उन्होंने साल 1834 में लद्दाख के स्थानीय बोटिस की सेना को हराने के लिए 5000 सैनिकों के साथ पहाड़ों और सुरू नदी (सिंधु) को पार करने से पहले मचैल माता का आशीर्वाद लिया था।
सफल अभियान के बाद वे उनके भक्त बन गए। मचैल माता मंदिर पहाड़ियों, ग्लेशियरों और चिनाब नदी (चद्रभागा) की सहायक नदियों के साथ बेदाग सुंदरता को भी दर्शाता है। यह क्षेत्र भोट समुदाय और ठाकुर समुदाय का निवास स्थान है, जो नाग पूजक हैं और महाराजा रणबीर सिंह द्वारा इसे किश्तवाड़ तहसील में मिला दिया गया था।
दर्शन के लिए आते हैं हजारों लोग
हर साल हजारों लोग, खासकर जम्मू क्षेत्र से, इस मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। यह तीर्थयात्रा हर साल अगस्त के महीने में ही शुरू होती है। साल 1981 में भद्रवाह, जम्मू क्षेत्र के ठाकुर कुलवीर सिंह इस मंदिर के दर्शन के लिए आए थे। 1987 से, ठाकुर कुलवीर सिंह ने 'छड़ी यात्रा' शुरू की। यह यात्रा हर साल होती है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।