किश्तवाड़ आपदा के 34 दिन बाद भी अपनों का कुछ पता नहीं, घरवालों ने मृत समझकर किया सात लोगों का क्रियाक्रम
किश्तवाड़ के चसौती गांव में बादल फटने से लापता हुए बैनागढ़ के सात लोगों को परिजनों ने मृत मानकर क्रिया कर्म कर दिया। ये सभी लोग मचैल माता की यात्रा पर गए थे जिनमें से सिर्फ एक महिला का शव मिला था। एक महीने से अधिक समय बीत जाने और रेस्क्यू ऑपरेशन बंद होने के बाद परिजनों ने उत्तर वाहिनी में उनका क्रिया कर्म किया।

संवाद सहयोगी, जम्मू। 14 अगस्त को किश्तवाड़ के चसौती गांव में बादल फटने के कारण गांव बैनागढ़ से लापता सात लोगों का अभी तक कोई पता न चलने के कारण परिजनों ने अब उनको मृत समझकर उनका क्रिया कर्म भी दुखी मन से कर दिया है।
ज्ञात रहे की बैनागढ़ से बुजुर्ग मंगल दास के आठ परिजन जिनमें मंगल दास की धर्मपत्नी जीतो देवी बहु ममता देवी, और उसके दो बच्चे बहू की बहन राही देवी, मंगलदास की बेटी जीनी देवी उसके दो बच्चे गांव से मचेल माता की यात्रा पर खुशी-खुशी से गए थे। लेकिन जब घटना घटी तो उसके बाद से किसी का कोई पता नहीं चल रहा था। लेकिन बुजुर्ग मंगलदास की बहू ममता देवी का ही शब बरामद हो पाया बाकी का कोई भी पता नहीं चल पाया था।
उत्तर वाहिनी में क्रियाकर्म कर दिया
बुजुर्ग मंगलदास सोमराज हुसन दास बलवीर कुमार बिन्नी कुमार खुश दिल आदि ने बताया कि आज घटना को हुए एक महीना और 3 दिन गुजर गए हैं, लेकिन अब हमारी उम्मीद ही टूट गई है और दुखी मन से अब लापता सात सदस्यों का उत्तर वाहिनी में क्रिया कर्म कर दिया गया है।
परिजनों के अनुसार अब कोई चमत्कार ही हो जाए तो उस पर ही कुछ हो सकता है बड़े दुखी मन से परिजनों ने बताया कि आज भी उनको रात को नींद नहीं आती है हर समय दरवाजे की ओर टकटकी लगाए रहते हैं कि कहीं से उनका कोई जो लापता सदस्य है जिंदा वापस घर लौट आए लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो रहा।
यात्रियों को राहत देने का भी किया एलान
परिजनों के अनुसार अब तो सरकार की ओर से रेस्क्यू ऑपरेशन को भी बंद कर दिया गया है लेकिन जब से रेस्क्यू ऑपरेशन बंद किया गया है उसके बाद से उनके पास कोई भी प्रशासनिक अधिकारी का फोन तक नहीं आया कि जो लापता सदस्य हैं।
वह कहां पर हैं इसके बारे में कुछ नहीं बताया गया। परिजनों के अनुसार सरकार की ओर से इस आपदा में अपनी जान गवाने वाले यात्रियों को राहत राशि देने का भी एलान किया गया था।
प्रशासन अधिकारियों ने लापता लोगों के बारे में नहीं की कोई बात
लेकिन आज तक उनके पास कोई नहीं पहुंचा और ना ही किसी प्रशासनिक अधिकारियों ने लापता हुए लोगों के बारे में उनसे कोई बातचीत की है।
उधर, आज इस दुखद घटना को गुजरे हुए एक महीने से ज्यादा समय होने को है और आज भी गांव का माहौल काफी गमगीन बना हुआ है हर कोई भगवान से यही प्रार्थना करता है कि इस अभागे परिवार में से कोई ना कोई सदस्य जरूर जिंदा वापस लौट कर आना चाहिए और गांव के लोगों ने अभी भी उम्मीद नहीं छोड़ी है।
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