सामाजिक कार्यकर्ता ने PM Modi को लिखा पत्र, कहा- 'कठुआ ड्रग टेस्टिंग लैब पर करोड़ों खर्च, नहीं हो रहा सही उपयोग'
एक सामाजिक कार्यकर्ता ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर कठुआ ड्रग टेस्टिंग लैब के सही उपयोग न होने पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि करोड़ों रुपये खर ...और पढ़ें

सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया कि कठुआ में 34 करोड़ की सहायता से बनी इस लैब में पर्याप्त स्टाफ नहीं है।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। जम्मू संभाग के कठुआ के खरोट में स्थापित आधुनिक ड्रग टेस्टिंग लैब (एमडीटीएल) में पर्याप्त स्टाफ नहीं होने और करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी इसकर सही उपयोग न करने पर प्रश्नचिन्ह लगे है।सामाजिक कार्यकर्ता सुकेश खजूरिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर उनका ध्यान इस ओर आकर्षित किया है।
केंद्र सरकार ने औषधि नियामक अवसंरचना के विस्तार के लिए 34 करोड़ की पर्याप्त सहायता प्रदान की थी। इसमें कठुआ में अत्याधुनिक एमडीटीएल की स्थापना की थी। यह प्रयोगशाला सालाना 10000 औषधि नमूनों का विश्लेषण करने और एनएबीएल मान्यता मानकों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन की गई है। लेकिन 20 फरवरी 2024 को इसके पूरा होने और उद्घाटन के बावजूद प्रयोगशाला का बहुत कम उपयोग हो रहा है।
प्रयोगशाला वर्तमान में आउटसोर्स तकनीकी कर्मियों के साथ काम करती है क्योंकि जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा स्थायी, योग्य कर्मचारियों की भर्ती में लंबे समय से देरी हुई है। सुकेश खजुरिया का कहना है कि असंख्य नागरिकों को नकली और घटिया दवाओं के खतरे से बचाने के लिए यह महत्वपूर्ण है।
रामनगर की घटना की पुनरावृत्ति न हो, एमडीटीएल कठुआ को बचाएं
रामनगर में दूषित कफ सिरप से बच्चों की 2019-20 में मौत हुई थी।उन्होंने कहा कि एमडीटीएल कठुआ का चल रहा कुप्रबंधन और अपर्याप्त उपयोग सीधे तौर पर जनता के विश्वास और कमजोर आबादी के स्वास्थ्य के लिए खतरा है। उन्होंने कहा कि काफी सार्वजनिक निवेश से निर्मित ऐसे वैज्ञानिक बुनियादी ढांचे को उपेक्षित नहीं छोड़ा जाना चाहिए।
खासकर केंद्र शासित प्रदेश के प्रवेश द्वार पर जब बाजार और सार्वजनिक वितरण प्रणालियों में उपलब्ध दवाओं की गुणवत्ता आश्वासन में विश्वास बहाल करने के लिए इसका समुचित संचालन आवश्यक है।
क्यों नहीं हो रही है एमडीटीएल कठुआ में स्थायी कर्मचारियों की भर्ती?
उन्होंने अधिकारियों से सीधे हस्तक्षेप करने और एमडीटीएल कठुआ में कर्मचारियों की कमी और संचालन संबंधी समस्याओं का समाधान करने का आग्रह किया। उन्होंने प्रयोगशाला को अपने पूर्ण अधिदेश के अनुसार कार्य करने और जन स्वास्थ्य सुरक्षा उपायों को बनाए रखने में सक्षम बनाने के लिए स्थायी, योग्य विशेषज्ञों की तत्काल नियुक्ति और मजबूत निगरानी तंत्र की स्थापना आवश्यक है।
इस तरह के समय पर हस्तक्षेप से न केवल उपभोक्ताओं के जीवन की रक्षा होगी और सुविधा में किए गए पर्याप्त सार्वजनिक निवेश को उचित ठहराया जा सकेगा बल्कि सरकारी स्वास्थ्य देखभाल उपायों में जनता का विश्वास भी मजबूत होगा और देश भर में समग्र स्वास्थ्य देखभाल मानकों को बढ़ाने में योगदान मिलेगा।
इनको भी भेजी गई है पत्र की प्रतिलिपि
पत्र की एक प्रतिलिपि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जगत प्रकाश नड्डा, केंद्रीय सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पुण्य सलिला श्रीवास्तव, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, जम्मू और कश्मीर स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग की मंत्री सकीना मसूद इटू मुख्य सचिव अटल् डुल्लू, सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग डा. सैयद आबिद रशीद शाह, आयुक्त औषधि और खाद्य प्रशासन स्मिता सेठी, औषधि नियंत्रक जम्मू और कश्मीर पूर्णिमा काबू को भी भेजी है।

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