कथक नृत्य में दिखी पदमा सचदेव की कविताएं
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जागरण संवाददाता, जम्मू : जम्मू-कश्मीर कला संस्कृति एवं भाषा अकादमी की ओर से अभिनव थियेटर में आयोजित दो दिवसीय शास्त्रीय नृत्य समारोह अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कथक डांसर संचिता अबरोल की प्रस्तुति के साथ संपन्न हुआ।
साहित्य अकादमी, नई दिल्ली में डोगरी सलाहकार बोर्ड के संयोजक प्रो. ललित मगोत्रा मुख्य अतिथि थे। उन्होंने संचिता की हर प्रस्तुति की सराहना करते हुए कहा कि पदमा सचदेव की देवका, उत्तरवाहिनी पर रचित रचनाओं को संचिता ने अपने नृत्य से इतनी खूबसूरती से पेश किया कि ऐसा लगता था सामने कविताएं रची जा रही हों। कथक और नृत्य का यह संगम दिल को छूने वाला रहा। इस अनूठे प्रयास के लिए मगोत्रा ने जम्मू-कश्मीर कला संस्कृति एवं भाषा अकादमी की जमकर सराहना की।
संचिता अबरोल ने कथक नृत्य पांच वर्ष की आयु में सीखना शुरू किया। देश भर में आयोजित कई कार्यक्रमों में भाग लिया। उन्होंने गुरू तीर्थ अजमानी और गुरू वेद व्यास से कथक की शिक्षा प्राप्त की। देश के कई राज्यों के अलावा दुनिया भर के कई अंतरराष्ट्रीय समारोह में भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर चुके हैं। उन्हें कई संस्थाएं सम्मानित कर चुकी हैं। मंच संचालन शिवानी आनंद ने किया। धन्यवाद प्रस्ताव मुख्य संपादक अशोक गुप्ता ने पारित किया। कार्यक्रम में कई गणमान्य लोगों ने भाग लिया।

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