Kashmiri Pandit: कश्मीरी विस्थापित मासिक राहत-कश्मीर वापसी को लेकर नए साल में अपना संघर्ष तेज करेंगे
Kashmiri Pandit केंद्र सरकार को बार बार ज्ञापन देने के बाद भी कोई निर्णय अभी तक नही लिया गया है। हम केवल इतना चाह रहे रहे हैं कि विस्थापित परिवार की मासिक राहत 13 हजार रुपये से बढ़ाकर 25 हजार रुपये की जाए।
जम्मू, जागरण संवाददाता: मासिक राहत में बढ़ोतरी की मांग के लिए पिछले तीन माह से धरना प्रदर्शन कर रहे विस्थापित कश्मीरी पंडित नए साल में अपने आंदोलन को गति देंगे। इसके लिए जगटी नगरोटा में विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने बैठक कर पूरे मामले पर समीक्षा की और केंद्र सरकार के अड़ियल रवैया पर नाराजगी जताई।
वहीं फैसला किया कि नए साल में आंदोलन को और तेज किया जाएगा। जब तक विस्थापित कश्मीरी पंडितों की मासिक राहत में बढ़ोतरी नही होती, कश्मीरी पंडित पीछे नही हटेंगे। मौके पर संबोधित करते हुए जगटी टेनिमेंट कमेटी के प्रधान शादी लाल पंडिता ने कहा कि 1990 में कश्मीर से पलायन कर यहां आकर विस्थापित कालोनियों में रहने को मजबूर विस्थापित कश्मीरी पंडितों के बारे में सोचा जाना चाहिए।
केंद्र सरकार को बार बार ज्ञापन देने के बाद भी कोई निर्णय अभी तक नही लिया गया है। हम केवल इतना चाह रहे रहे हैं कि विस्थापित परिवार की मासिक राहत 13 हजार रुपये से बढ़ाकर 25 हजार रुपये की जाए। क्योंकि महंगाई बढ़ गई है और ऐसे में छोटी सी रकम से परिवार का गुजारा नही चलता। लेकिन केंद्र सरकार इस ओर गंभीरता नही दिखा रही। वहीं शाम लाल ने कहा कि अगर केंद्र सरकार व जम्मू कश्मीर प्रशासन विस्थापित कश्मीरी पंडितों से लिए गंभीर है तो इन लोगों का जीवन स्तर सुधारने की दिशा में काम किया जाना चाहिए।
हर विस्थापित परिवार में से किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए। जब घर में पैसे आएंगे तो इन लोगों का विकास होता चला जाएगा। वहीं राजेंद्र टिक्कू ने कहा कि कश्मीरी पंडित जोकि 30 साल से अपने पैतृक स्थलों से दूर होकर यहां वहां रह रहा है, घर वापसी चाहता है। केंद्र सरकार को चाहिए कि वे कश्मीरी पंडितों की घाटी वापसी के लिए ब्लू प्रिट जल्दी से जल्दी तैयार करें।