बांग्लादेश में MBBS की पढ़ाई कर रहे कश्मीरी छात्रों की जांच शुरू, दिल्ली ब्लास्ट के बाद अलर्ट मोड पर एजेंसियां
बांग्लादेश में MBBS की पढ़ाई कर रहे कश्मीरी छात्रों की जांच शुरू हो गई है। लाल किला ब्लास्ट के बाद सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं और किसी भी संदिग्ध ग ...और पढ़ें

सुरक्षा एजेंसियों ने विदेशों में शुरू किया जांच अभियान (जागरण फोटो)
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। लाल किला आतंकी हमले और जैश के सफेदपोश आतंकी माड्यूल के तार खंगाल रही सुरक्षा एजेंसियों ने पिछले 20 से 25 वर्षों के दौरान पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और कुछ यूरोपीय मुल्कों में एमबीबीएस, इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले कश्मीरी विद्यार्थियों की जांच शुरू कर दी है। इसके अलावा मलेशिया, तुर्किए, ईरान, ओमान और सऊदी अरब से लौटे कई डाक्टरों, टेक्नोक्रेट्स का भी डेटाबेस तैयार किया जा रहा है।
संबंधित सूत्रों ने बताया कि सफेदपोश आतंकी माड्यूल के तार देश के बाहर विदेश में भी फैले हैं। इसके अलावा, माड्यूल में शामिल स्थानीय डाक्टरों ने किसी न किसी समय पर विदेश यात्रा की है और इनमे से अधिकांश बांग्लादेश और यूएई गए हैं।
इनमें से कुछ ने दुबई के रास्ते अपने आतंकी हैंडलर की मदद से जाली दस्तावेजों के आधार पर पाकिस्तान और अफगानिस्तान की यात्रा भी की है, ताकि वह भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की नजरों से बचे रहें। उन्होंने कहा कि इसलिए इसे पूरे नेटवर्क को पता लगाने के लिए यह जांच शुरू की गई है।
पाकिस्तान में आतंकी ट्रेनिंग कैंपों के नजदीक ही हैं मेडिकल कॉलेज
सूत्रों ने बताया कि वर्ष 2000-19 तक कश्मीर से सैकड़ों की तादाद में छात्र एमबीबीएस, इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने पाकिस्तान गए हैं। इनमें से अधिकांश ने रावलपिंडी, एबटाबाद, बहावलपुर, फैसलाबाद और पेशावर के मेडिकल कालेजों और गुलाम जम्मू-कश्मीर की राजधानी मुजफ्फराबाद के मेडिकल कालेज से एमबीबीएस किया है।
किस जगह हैं ये कॉलेज
ये सभी कालेज उन्हीं इलाकों में हैं, जहां जैश, लश्कर और हिजबुल का प्रभाव और ट्रेनिंग कैंप भी हैं। पाक में पढ़ाई करने वाले छात्रों की पारिवारिक पृष्ठभूमि आतंकी और अलगाववादी रही है। इन्हें पाकिस्तान सरकार की ओर से विशेष सब्सिडी दी जाती रही है। बांग्लादेश, नेपाल और यूरोपीय मुल्कों में भी बड़ी संख्या में कश्मीरी छात्र पढ़ाई के लिए गए।

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