Photos: महाराजा एक्सप्रेस से कम नहीं कश्मीर के लिए चलने वाली 'वंदे भारत', क्या है इसकी खासियत?
Train for Kashmir कश्मीर तक रेल चलाने के लिए आज ट्रेन द्वारा अंतिम निरीक्षण किया गया। कटड़ा (माता वैष्णो देवी) से श्रीनगर के लिए कुछ समय बाद वंदे भारत (Vande Bharat Express for Kashmir) सहित दो एक्सप्रेस ट्रेन शुरू होने वाली हैं। ऐसे में कश्मीर तक जाने वाली वंदे भारत कैसी दिखती है और क्यों ये इतनी खास हैं। आइए जान लेते हैं।

जागरण टीम, कटड़ा। Kashmir Vande Bharat Train Photos: कश्मीर के लिए रेल संपर्क की तैयारी पूरी हो चुकी है और रेलवे सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) ने अंतिम निरीक्षण भी कर दिया है अपेक्षा है कि सीआरएस के दौरे के बाद किसी भी समय कटड़ा से कश्मीर तक ‘सपनों की ट्रेन’ दौड़ाने की घोषणा संभव है।
ऐसे में रेलवे ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। खास बात है कि कटड़ा और श्रीनगर के बीच वंदे भारत जल्द दौड़ेगी। इसे लेकर रेलवे ने टाइम-टेबल भी जारी कर दिया है। कश्मीर के लिए दौड़ने वाली वंदे भारत कैसी दिखती है। आइए, देखते हैं...
नई दिल्ली में मंगलवार को एक ऐसी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का अनावरण हुआ, जो जम्मू-कश्मीर में चुनौतीपूर्ण सर्दियों की परिस्थितियों में निर्वाध परिचालन के लिए विशेष रूप से डिजाइन है। इसमें अत्यंत उन्नत हीटिंग सिस्टम है। शून्य के आसपास तापमान में भी एयर ब्रेक सिस्टम बेहतर काम करेगा। यही कश्मीर जाने वाली पहली वंदे भारत हो सकती है। (फोटो एएनआई)
वंदे भारत में विंडशील्ड में हीटिंग तत्व लगे हैं, ताकि ड्राइवर का फ्रंट लुकआउट ग्लास अपने आप डीफ्रॉस्ट हो जाए (फोटो एएनआई)
वंदे भारत का इंटीरियर, आरामदायक सीटें और सीट के नीचे चार्जिंग सॉकेट भी लगा है। सीटों को यात्री की सुविधा और कंफर्ट को देखते हुए बनाया गया है। (फोटो एएनआई)
ट्रेन पर वंदे मेक इन इंडिया का लोगो लगा हुआ है। ट्रेन का कलर भी बिल्कुल यूनिक नजर आ रहा है (फोटो एएनआई)
मंगलवार को नई दिल्ली के शकूर बस्ती में वंदे भारत एक्सप्रेस के अंदर का दृश्य, जिसे विशेष रूप से पहाड़ों और अत्यधिक ठंडे क्षेत्रों में संचालन के लिए डिजाइन किया गया है। (एएनआई फोटो)
कटड़ा से श्रीनगर ट्रेन जल्द शुरू हो जाएगी। वंदे भारत सप्ताह में 6 दिन चलेगी। जबकि दो अन्य मेल एक्सप्रेस सातों दिन चलेंगी। (फोटो- एएनआई)
वंदे भारत एक्सप्रेस में ऐसा होगा ड्राइवर का कैबिन। दो लोको पायलट के लिए आरामदायक सीटें लगाई गई हैं ताकि पायलट पूरी तरह कंफर्ट होकर ड्राइव कर सकें। ट्रेन पूरी तरह ओटोमेटिक संचालित होगी। (एनआईए)।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।