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    जम्मू-कश्मीर में 3 सालों में बढ़े कुष्ठ रोग, मलेरिया और टीबी के मामले, सरकारी अभियान की विफलता; एक चिंताजनक रिपोर्ट

    By Rohit Jandiyal Edited By: Rahul Sharma
    Updated: Sat, 13 Dec 2025 12:12 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर में पिछले तीन सालों में कुष्ठ रोग, मलेरिया और टीबी के मामलों में वृद्धि हुई है, जिससे सरकार के स्वास्थ्य अभियान की प्रभावशीलता पर सवाल उठ ...और पढ़ें

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    जम्मू-कश्मीर सरकार को इस दिशा में तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है। फाइल फोटो।

    राज्य ब्यूरो, जम्मू। जम्मू और कश्मीर में पिछले तीन सालों में कुष्ठ रोग, मलेरिया और टीबी के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।यह बढ़ोतरी दस समय दर्ज की गई है जब तीनों ही बीमारियों को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए सरकार अभियान चलाए हुए है।

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    शुक्रवार को लोकसभा में पेश किए गए नए आंकड़ों के अनुसार केंद्र शासित प्रदेश में कुष्ठ रोग की दर 2023-24 में 0.42 प्रति एक लाख आबादी से बढ़कर 2024-25 में 0.8 हो गई। वहीं मलेरिया के मामले पिछले साल के 44 से बढ़कर 2024 में 108 हो गए। टीबी के मामले भी 2023 के 11754 से बढ़कर 2024 में 12,200 हो गए।

    केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि पूरे देश में कुष्ठ रोग, मलेरिया और टीबी के रुझान अलग-अलग क्षेत्रों में काफी अलग-अलग थे। भारत में कुष्ठ रोग का पता लगाने की राष्ट्रीय दर 2023-24 में 7.55 से घटकर 2024-25 में 7.00 हो गई है। हालांकि छत्तीसगढ़ और झारखंड जैसे कई राज्यों में यह स्तर ऊंचा बना रहा।

    देश भर में मलेरिया के मामले 2023 में 2.27 लाख से बढ़कर 2024 में 2.55 लाख हो गए जिसमें ओडिशा, त्रिपुरा, मिजोरम और महाराष्ट्र में काफी मामले सामने आए। टीबी के मामले 2023 में 25.52 लाख से बढ़कर 2024 में 26.17 लाख हो गए जिसमें मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और महाराष्ट्र का योगदान रहा।

    मंत्रालय ने कहा कि स्वास्थ्य राज्य का विषय है और हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर और ह्यूमन रिसोर्स को मज़बूत करने की ज़िम्मेदारी खासकर ग्रामीण इलाकों में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की है। केंद्र सरकार सालाना प्रोग्राम इम्प्लीमेंटेशन प्लान के तहत तकनीकी और वित्तीय मदद देकर राज्यों को मदद करती है जिसमें बीमारियों को नियंत्रित करने का कार्यक्रम और हेल्थ सिस्टम को मज़बूत करना शामिल है।