Kashmir Politics: यात्रा के आखिरी पड़ाव में कांग्रेस को मिल सकते हैं नए सहयोगी दल
कांग्रेस के नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा 20 जनवरी को जम्मू कश्मीर में प्रवेश कर रही है। यह यात्रा जम्मू कश्मीर में न सिर्फ नए राजनीतिक समीकरण तैयार करेगी बल्कि राष्ट्रीय राजनीति को प्रभावित करते हुए कांग्रेस के लिए नए सहयोगी भी जुटा सकती है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : कांग्रेस के नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा 20 जनवरी को जम्मू कश्मीर में प्रवेश कर रही है। यह यात्रा जम्मू कश्मीर में न सिर्फ नए राजनीतिक समीकरण तैयार करेगी, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति को प्रभावित करते हुए कांग्रेस के लिए नए सहयोगी भी जुटा सकती है। इस यात्रा को लेकर जिस तरह से नेशनल करं्फ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और इन जैसे अन्य दल सक्रिय हो रहे हैं, वह आगामी विधानसभा चुनावों में भाजपा को बड़ी चुनौती देने की नींव तैयार कर सकते हैं।
महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर श्रीनगर में खत्म होगी यात्रा
यह यात्रा महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर 30 जनवरी को श्रीनगर के शेरे कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम में संपन्न होगी। लालचौक पर तिरंगा फहराने का भी कार्यक्रम है, लेकिन प्रशासन इसकी अनुमति देगा या नहीं, यह अभी तय नहीं है। पांच अगस्त, 2019 के बाद जम्मू कश्मीर की मौजूदा परिस्थितियों में सभी राजनीतिक दल अपना जनाधार बढ़ाने-बचाने का प्रयास कर रहे हैं। पीडीपी व कांग्रेस के समक्ष अपना राजनीतिक अस्तित्व बचाने और नेशनल कान्फ्रेंस के सामने खुद को फिर से प्रदेश का सबसे बड़ा राजनीतिक दल साबित करने की चुनौती है। सभी के निशाने पर भाजपा ही है। पीपुल्स एलायंस फार गुपकार डिक्लेरेशन (पीएजीडी) का भी गठन भाजपा के खिलाफ ही हुआ है। हालांकि कांग्रेस पीएजीडी का हिस्सा नही है, लेकिन वह विभिन्न मुद्दों पर इसका समर्थन करती है। भाजपा भी जम्मू संभाग से आगे बढ़कर कश्मीर में अपना झंडा बुलंद करने के लिए लिए प्रयासरत है। यात्रा को सफल बनाने के लिए पूरी प्रदेश इकाई जुटी है।
कश्मीर है मुस्लिम बहुल
राजनीतिक मामलों के जानकार प्रो. हरि ओम ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा टुकड़े-टुकड़े गैंग को ही एकजुट कर सकती है। इस यात्रा से नेकां, पीडीपी, कांग्रेस और माकपा जम्मू कश्मीर में नया मोर्चा बनाने का प्रयास करेंगे, लेकिन इसका हश्र पीएजीडी जैसा ही होगा। इन दलों और इनके नेताओं के लिए अपना हित ही सर्वोपरि है। कश्मीर में भाजपा को इसका नुकसान हो सकता है, क्योंकि यह यात्रा सिर्फ भाजपा के खिलाफ लामबंद करने के लिए है। इसमें सिर्फ मुस्लिमों पर ध्यान दिया जा रहा है और कश्मीर मुस्लिम बहुल तो है ही।
कश्मीर कांग्रेस का ध्यान यात्रा को कश्मीर में भीड़ जुटाने पर
दुनिया की नजर में कश्मीर कांग्रेस का ध्यान भारत जोड़ो यात्रा को कश्मीर में भीड़ जुटाने पर है। कश्मीर में यह यात्रा पूरी दुनिया में सुर्खियां बटोरेगी। नेशनल कान्फ्रेंस, पीडीपी और जैसे अन्य दल चाहेंगे कि यह यात्रा हर हाल में सफल हो। राहुल के भाषणों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा की नीतियां निशाने पर होंगी। यह यात्रा चुनावों के लिए गैर भाजपा दलों के बड़े मोर्चे की नींव भी तैयार करेगी।
इसी बहाने पीएजीडी के दलों को हाथ मिलाने का मौका
पीएजीडी में कुछ महीनों से मतभेद हैं। इनमें एकता कागजों तक है। गुलाम नबी आजाद के अलग होने के बाद से कांग्रेस प्रदेश में अपने पैर मजबूत करने के लिए छटपटा रही है। पीएजीडी के घटक एक-दूसरे से हाथ मिलाने की तलाश में थे जो भारत जोड़ो यात्रा ने दिया है। डा. फारूक अब्दुल्ला, उमर और महबूबा मुफ्ती यात्रा में शामिल होने का एलान कर चुकी हैं।