Jammu Kashmir : विश्व भ्रमण पर निकले आस्ट्रियाई जोड़े को भाया कश्मीर, कहा- यह दुनिया में सबसे शांत व सुंदर जगह
आस्ट्रियाई जोड़े स्टीफन ब्लिंगर और थेरेसा डापररबेयूर ने कश्मीर को दुनिया में सबसे शांत-सुंदर बताते हुए कहा कि यहां लोग भी बहुत सहृदय और मेहमाननवाज हैं। यह जगह पर्यटकों के लिए पूरी तरह सुरक्षित है। उन्होंने यू-ट्यूब पर एक वीडियो भी अपलोड किया है।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो : साइकिल पर विश्व भ्रमण पर निकले आस्ट्रियाई जोड़े स्टीफन ब्लिंगर और थेरेसा डापररबेयूर ने कश्मीर को दुनिया में सबसे शांत-सुंदर बताते हुए कहा कि यहां लोग भी बहुत सहृदय और मेहमाननवाज हैं। यह जगह पर्यटकों के लिए पूरी तरह सुरक्षित है। उन्होंने कश्मीर में अपनी यात्रा के अनुभवों को साझा करते हुए यू-ट्यूब पर एक वीडियो भी अपलोड किया है। आस्ट्रिया में एक निजी कंपनी में मानव संसाधन प्रबंधक रह चुके स्टीफन को बचपन से ही शौक था कि वह दुनिया घूमे।
वर्ष 2017 में उनकी मुलाकात एक एनजीओ में काम करने वाली थेरेसा के साथ हुई और फिर दोनों विश्व भ्रमण पर निकल पड़े। स्टीफन ने बताया कि थेरेसा जिस एनजीओ में काम करती थी, वह पर्यावरण संरक्षण पर ही काम करती है। हम अपने काम पर भी साइकिल पर ही जाते थे, लेकिन इस तरह की लंबी यात्रा हम पहली बार कर रहे हैं।
कश्मीर पहुंचने से पहले पंजाब, दिल्ली, आगरा की यात्रा कर चुके स्टीफन और थेरेसा ने बताया कि हमें कश्मीर में साइकिल चलाने में बहुत मजा आया, यहां की हर चीज बहुत खूबसूरत है। हम पहलगाम भी गए हैं, वहां अमरनाथ यात्रा चल रही थी। वहां का माहौल पूरी तरह से आध्यात्मिक है। कश्मीर बहुत कुछ हमारे आस्ट्रिया जैसा ही है। वहां भी ऐसे ही पहाड़ और दरिया हैं। कुछ दिन हम यहां ट्रैकिंग करेंगे और उसके बाद लद्दाख जाएंगे। लद्दाख से लाहौल स्पिति और फिर देहरादून व ऋषिकेश की यात्रा करेंगे। उसके बाद नेपाल जाएंगे। हमारा अगला लक्ष्य दक्षिण एशिया और जापान की यात्रा है।
कश्मीर के बारे में अपने अनुभव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कई बार मीडिया में सुना कि कश्मीर सुरक्षित जगह नहीं है, लेकिन यह तो शत प्रतिशत सुरक्षित है। सभी को कश्मीर आना चाहिए, यह बहुत सुंदर शांत और सुरक्षित है। हम सभी को कहते हैं कि घरों से बाहर निकलो। हां, सबसे बड़ी बात जो हमें याद रखनी चाहिए कि हमें अपनी धरती की, प्रकृति और पर्यावरण का संरक्षण करना है।
गिलगित-बाल्टिस्तान भी बहुत सुंदर : थेरेसा ने कहा कि इरान और पाकिस्तान समेत हमने कई देशों की यात्रा की। हमने गिलगित-बाल्टिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा की सैर भी की। यह क्षेत्र भी बहुत सुंदर और रोमांचकारी है। उसके बाद हम भारत आ गए।
पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश : साइकिल पर यात्रा करने के मकसद के बारे में पूछे जाने पर दोनों ने कहा कि हम लोगों को पर्यावरण अनुकूल साधनों को अपनाने के लिए प्रेरित करना चाहते हैं, इसलिए हमने साइकिल पर यात्रा शुरू की है। हम चाहते हैं कि कार्बन उत्सर्जन पर काबू पाया जाए। पर्यावरण का संरक्षण हो, स्वच्छता बनी रहे, प्राकृतिक संसाधन यथासंभव बचे रहें।
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