Jammu News: सेब से गुलजार रहने वाली सोपोर फल मंडी में पसरा सन्नाटा, घाटी की सभी मंडियां दो दिन के लिए बंद
कश्मीर घाटी की फल मंडियों में सन्नाटा पसरा है। सोपोर मंडी में जो सेब के मौसम में व्यस्त रहती थी अब गिनती के ही लोग दिख रहे हैं। यह स्थिति सरकार द्वारा फल लदे ट्रकों की सुगम आवाजाही सुनिश्चित न करने के विरोध में दो दिन के बंद के कारण है। राजमार्ग की दुर्दशा और जाम के कारण फल उत्पादक परेशान हैं जिससे उन्हें भारी नुकसान हो रहा है।

राज्य ब्यूरो, जम्मू। कश्मीर घाटी की प्रमुख फल मंडियों में से एक सोपोर की फल मंडी, जो आमतौर पर सेब सीजन के दौरान सैकड़ों मिनी ट्रकों, ट्रैक्टरों और टिलरों की आवाजाही से गुलजार रहती है, रविवार शाम 6:30 बजे एकदम सुनसान नजर आई।
आम तौर पर इस समय यहां भारी भीड़ होती है, लेकिन इस बार मंडी में गिनती के ही लोग मौजूद थे। यह सन्नाटा घाटी की सभी फल मंडियों में 14 और 15 सितंबर को घोषित दो दिवसीय बंद का परिणाम था।
यह बंद सरकार द्वारा फल लदे ट्रकों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित न करने के विरोध में बुलाया गया है। कश्मीर के फल उत्पादक श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग की खराब हालत से बेहद परेशान हैं, खासकर उधमपुर जिले के जखानी और चनैनी के बीच थराड़ से बाली नाला तक के हिस्से को लेकर।
इस मार्ग पर लगातार जाम और खराब सड़कों के कारण सेब लदे ट्रकों की आवाजाही में बाधा आ रही है, जिससे देश के अन्य हिस्सों में समय पर फल नहीं पहुंच पा रहे हैं।
सरकार की इस गंभीर मुद्दे पर उदासीनता से नाराज होकर कश्मीर वैली फ्रूट ग्रोअर्स कम डीलर्स यूनियन ने रविवार को घोषणा की कि घाटी की सभी फल मंडियां 14 और 15 सितंबर को पूरी तरह बंद रहेंगी।
इस बंद का उद्देश्य सरकार को चेतावनी देना है कि अगर जल्द समाधान नहीं निकाला गया, तो फल उद्योग को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा।
एक सेब उत्पादक ने कहा कि हमारा पूरा कारोबार समय पर आपूर्ति पर निर्भर है। हर दिन की देरी लाखों का नुकसान है। कश्मीर की फल अर्थव्यवस्था, विशेष रूप से सेब उद्योग, हजारों किसानों और व्यापारियों की जीविका का प्रमुख स्रोत है।
समय पर माल की आपूर्ति न होने से न सिर्फ स्थानीय अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है, बल्कि राष्ट्रीय बाजारों में भी कश्मीर के सेब की साख को नुकसान पहुंच रहा है।
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