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    Jammu Kashmir Land Law: केंद्र के नए कानून पर बिफरे कश्मीर केंद्रित राजनीतिक दल, कहा- किसी कीमत पर यह स्वीकार नहीं होगा

    पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी नए भूमि कानून की आलोचन करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने आखिरकार जम्मू-कश्मीर को बेचना शुरू कर दिया। उन्होंने नए कानून को केंद्र सरकार का नापाक मंसूबा करार देते हुए कहा कि इसका मकसद जम्मू-कश्मीर के लोगों को अधिकारवहीन करना है।

    By Rahul SharmaEdited By: Updated: Tue, 27 Oct 2020 04:56 PM (IST)
    पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने भी इस कानून का विरोध किया।

    जम्मू, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर में हर किसी को जमीन खरीदने का अधिकार देने का केंद्र सरकार का नया कानून लागू होते ही इसका विरोध होना भी शुरू हो गया है। जम्मू-कश्मीर के प्रमुख राजनीतिक दलों ने इस कानून का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाएगा। 

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    पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के उपप्रधान उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा कि जम्मू-कश्मीर में जमीन की खरीददारी को लेकर जो कानून में बदलाव किया गया है, वह स्वीकार करने के योग्य नहीं है। उन्होंने कहा कि कृषि भूमि को छोड़कर अन्य भूमि खरीदने के लिए सरकार ने कोई प्रमाण पत्र या अन्य दस्तावेज भी जरूरी नहीं रखा है। पूरे जम्मू-कश्मीर को बेचने के लिए रख दिया गया है। जो गरीब जमीन का मालिक है, उसकी मुसीबतें और बढ़ेंगी। उमर ने ट्वीट में यह भी लिखा कि केंद्र सरकार लेह अटनामस हिल डेवलपमेंट काउंसिल के नतीजे आने का इंतजार कर रही थी। जैसे ही भाजपा की जीत हुई अगले ही दिन पार्टी ने यह कानून लागू कर लद्दाखियों को भी धोखा दे दिया।

    वहीं पूर्व मुख्यमंत्री व पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने भी नए भूमि कानून की आलोचन करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने आखिरकार जम्मू-कश्मीर को बेचना शुरू कर दिया। उन्होंने नए कानून को केंद्र सरकार का नापाक मंसूबा करार देते हुए कहा कि इसका मकसद जम्मू-कश्मीर के लोगों को अधिकारवहीन करना है। उन्होंने लिखा कि असंवैधानिक तरीके से अनुच्छेद 370 हटाने से लेकर जम्मू-कश्मीर के प्राकृतिक स्रोतों की लूट और अब जम्मू-कश्मीर की जमीन को बेचना सब केंद्र सरकार की साजिश है।

    हाल ही में गठित अपनी पार्टी के प्रधान सैयद अल्ताफ बुखारी ने भूमि और नौकरियों में जम्मू-कश्मीर के लाेगों को भी अधिकार देने की मांग की। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी सरकार द्वारा जारी अधिसूचना को विस्तार से पढ़ेगी और इस मामले को केंद्र तक ले जाएगी। उन्होंने कहा कि पहले दिन से ही उनकी पार्टी का रवैया स्पष्ट है कि सरकार ने गैर कानूनी तरीके से जम्मू-कश्मीर के लोगाें के अधिकार छीने हैं। जम्मू-कश्मीर के लोगों के हितों के खिलाफ जो भी कानूनी होगा, उनकी पार्टी इसका विरोध करेगी।