Jammu Kashmir: कार्तिक संक्रांति कल होगी, इन राशियों पर पड़ेगा प्रभाव
यह संक्रांति मेष मिथुन सिंह कन्या धनु मकर कुम्भ एवं मीन राशि के लोगों के लिए शुभ रहेगी। यह संक्रांति ब्राह्मण वर्ग एवं गायों के लिए पीड़ाकारक है। कहीं राजोपद्रव व भयाक्रांत की स्थिति बनेगी। जनता को महंगाई में राहत नहीं मिलेगी। प्रजा अनेक रोगों से पीड़ित रहती है।
जम्मू, जागरण संवाददाता। कार्तिक संक्रांति सनातन धर्म में विशेष महत्व रखती है। कार्तिक संक्रांति 17 अक्टूबर सोमवार को है। कार्तिक माह में सूर्यदेव तुला राशि में प्रवेश करते हैं। इस संक्रांति को तुला संक्रांति भी कहते हैं। इस संक्रांति में सूर्य कन्या राशि से तुला राशि में प्रवेश करते हैं। सूर्य 17 अक्टूबर सोमवार को शाम 07 बजकर 22 मिनट पर तुला राशि में प्रवेश करने जा रहा है। इस संक्रांति का पुण्यकाल दोपहर 12 बजकर 58 मिनट के बाद से शरू होगा। सूर्य के इस राशि परिवर्तन का सभी राशियों, प्रकृति, पर्यावरण, खाद्यान्न आदि पर प्रभाव पड़ेगा। सूर्य 17 अक्टूबर सोमवार से 16 नवंबर 2022 बुधवार तक तुला राशि में रहेगा।
श्री कैलख ज्योतिष एवं वैदिक संस्थान ट्रस्ट के प्रधान ज्योतिषाचार्य महंत रोहित शास्त्री ने बताया कि कार्तिक संक्रांति के दिन पवित्र गंगा आदि नदियों में स्नान एवं दान-पुण्य के लिए बड़ा अच्छा माना गया है। जो लोग गंगा जी नहीं पहुंच सकते वह घर में ही पानी में गंगा जल डाल कर स्नान करें। घर के आसपास के रहने वाले ब्राह्माणों एवं ज़रूरतमंद लोगों को भोजन, मिष्ठानादि का दक्षिणा सहित यथाशक्ति दान कर, एक समय भोजन करना चाहिए। इस दिन किया गया दान अन्य शुभ दिनों की तुलना में दस गुना अधिक पुण्य देने वाला होता है।
कार्तिक संक्रांति का फल
यह संक्रांति मेष, मिथुन, सिंह, कन्या, धनु, मकर, कुम्भ एवं मीन राशि के लोगों के लिए शुभ रहेगी। यह संक्रांति ब्राह्मण वर्ग एवं गायों के लिए पीड़ाकारक है। कहीं राजोपद्रव व भयाक्रांत की स्थिति बनेगी। जनता को महंगाई में राहत नहीं मिलेगी। प्रजा अनेक रोगों से पीड़ित रहती है। भ्रष्टाचार, उपद्रव एवं हिंसक घटनाओं को बढ़ावा मिलेगा। कुछ प्रसिद्ध लोगों की अचानक मृत्यु होगी। प्राकृतिक आपदा आ सकती है। भूकंप हो सकता है। दैनिक उपभोग वस्तुओं के मूल्य में तेजी होगी।तुला राशि वालों को इस समय में धैर्य और संयम बनाकर रखना चाहिए। गलत कार्यो, झूठ, पापाचार आदि से दूर रहना होगा।
इस दिन किसी भी प्रकार की तामसिक वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन शराब आदि नशे से भी दूर रहना चाहिए। इसके शरीर पर ही नहीं, आपके भविष्य पर भी दुष्परिणाम हो सकते हैं।
संक्रांति के दिन सात्विक चीजों का सेवन किया जाता है और भगवान को भी इन्हीं चीजों का भोग लगाया जाता है। इस दिन सत्यनारायण जी, सूर्य देव, अपने इष्टदेव की पूजा का विधान है।
कार्तिक संक्रांति पर सूर्य का प्रवेश तुला राशि में होता है और इसका हर राशि पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए यह बहुत जरूरी है कि आपके द्वारा किया जाने वाला दान आपकी राशि से जुड़ा हो।
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