Kargil Vijay Diwas 2024: दुश्मनों से लोहा लेने से पहले सेना ने मौसम से भी लड़ी थी जंग, पढ़िए परमवीर चक्र विजेता की जुबानी
Kargil Vijay Diwas 2024 कल यानी 26 जुलाई का दिन हर भारतीय के लिए बेहद खास है। कल कारगिल विजय दिवस है। दुश्मनों से लोहा लेने के बाद हमारी सेनाओं को बड़ी जीत मिली थी। कारगिल विजय दिवस के मौके पर जगह-जगह पर शौर्य यात्रा निकाली गई है। सूबेदार मेजर संजय कुमार ने कहा कि उस दिन हमारी सेनाओं को मौसम से भी लड़ना पड़ा था।

राज्य ब्यूरो, जम्मू। Kargil Vijay Diwas 2024: कारगिल की चोटियों पर दुश्मन से लोहा लेने से पहले भारतीय सैनिकों को वहां मौसम से भी लड़ाई लड़नी पड़ी थी। कठिन मौसम से लड़ाई लड़ने के बाद ही हम चोटियों पर हाथों से लड़ाई लड़ सके थे। कारगिल में रजत जयंती समारोह में पहुंचे परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर संजय कुमार ने बताया कि यह लड़ाई बिल्कुल भी आसान नहीं थी।
द्रास में गुरुवार को मीडिया से बातचीत में परमवीर ने बताया कि उस दौरान कारगिल की चोटियों पर चढ़ना बहुत मुश्किल था। ऊपर जाने के लिए कोई रास्ता नहीं था। ऐसे हालात में भारतीय जवान अपनी ट्रेनिंग व कुशल नेतृत्व के कारण चोटियों पर चढ़ कर दुश्मन से भिड़ गए थे। कारगिल के पहाड़ों पर भारतीय सेना ने बहुत कुर्बानियां दी हैं।
कंपनी से लेकर पलटन तक का सहयोग
उन्होंने कहा कि वर्ष 1999 के युद्ध में भारतीय सेना की जीत में हर किसी ने योगदान दिया था। उन्होंने कहा कि मैं अकेला कारगिल की चोटी पर नहीं लड़ सकता था। ऐसा करने के लिए मुझे मेरी कंपनी से लेकर पलटन तक ने पूरा सहयोग दिया था। इसी कारण मैं चोटी पर दुश्मन से लड़ते हुए परमवीर चक्र जीत सका था।
फ्लैट टॉप को दुश्मन से वापस लेने में अहम भूमिका
सेना की 13 जम्मू कश्मीर राइफल्स के सूबेदार मेजर संजय कुमार ने कारगिल में फ्लैट टॉप को दुश्मन से वापस लेने में अहम भूमिका निभाई थी। दुश्मन से आमने सामने की लड़ाई में लड़कर चोटी जीतने के लिए उन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया था। वह मूल रूप से हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर के रहने वाले हैं।
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