Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कारगिल में महकेगी बलिदानियों के घरों की मिट्टी, 3700 किमी का सफर कर 16 शहीदों के घरों की मिट्टी लाए सैनिक

    By Jagran NewsEdited By: Preeti Gupta
    Updated: Wed, 26 Jul 2023 11:30 AM (IST)

    Kargil Vijay Diwas 2023 कारगिल युद्ध में शहीद हुए जांबाज अपने जिस गांव में जवां हुए उसकी मिट्टी की खुशबू अब द्रास में वीरता के प्रतीक कारगिल वार मेमोरियल में महकेगी। सेना की दो नागा बटालियन के 20 सैन्यकर्मी नागालैंड के कोहिमा टू कारगिल मोटरसाइकिल अभियान में 3700 किलोमीटर का सफर करके 16 बलिदानियों के जन्मास्थली की मिट्टी साथ लाए हैं। इसे कारगिल वार मेमोरियल में रखा जाएगा।

    Hero Image
    कारगिल में महकेगी बलिदानियों के घरों की मिट्टी

    जम्मू, जागरण संवाददाता। Kargil Vijay Diwas 2023: 24 साल पहले कारगिल युद्ध में भारतीय सेना के जांबाजों के शौर्य को सुनकर आज भी सीना गर्व से तन जाता है। ये जांबाज अपने जिस गांव में जवां हुए उसकी मिट्टी की खुशबू अब द्रास में वीरता के प्रतीक कारगिल वार मेमोरियल में महकेगी। सेना की दो नागा बटालियन के 20 सैन्यकर्मी नागालैंड के 'कोहिमा टू कारगिल' मोटरसाइकिल अभियान में 3700 किलोमीटर का सफर करके 16 बलिदानियों के जन्मास्थली की मिट्टी साथ लाए हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कारगिल की चोटी की मिट्टी बलिदानियों के स्वजनों को सौंपी

    इसे कारगिल वार मेमोरियल में रखा जाएगा। जहां 26 जुलाई को हर वर्ष बलिदानियों को नमन किया जाता है। सेना के बाइक कारगिल की चोटी और प्वाइंट 4875 की वह मिट्टी भी साथ ले गए थे, जिसमें बलिदानियों के देश के लिए बहाए खून के अंश हैं। कारगिल की चोटी की मिट्टी दो नागा के मणिपुर, बंगाल, उत्तराखंड, बिहार व दिल्ली में बलिदानियों के स्वजनों को सौंपी गई और लौटते समय मोटरसाइकिल सवार उनके घरों की मिट्टी भी लाए हैं।

    वार मेमोरियल में रखेंगे बलिदानियों के घरों की मिट्टी

    सैन्यकर्मियों ने यह सफर जावा मोटरसाइकिलों पर पूरा किया। वे जम्मू, ऊधमपुर, कश्मीर होते हुए 22 जुलाई को कारगिल पहुंचे। अब वे 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस पर बलिदानियों के घरों की मिट्टी वार मेमोरियल में रखेंगे। गत शुक्रवार को उत्तरी कमान मुख्यालय ऊधमपुर पहुंचे इस दल के साथ कारगिल युद्ध में वीर चक्र जीतने वाले कर्नल डीकेएस शेरावत भी द्रास के लिए रवाना हुए थे। कर्नल डीकेएस शेरावत कारगिल युद्ध के दौरान लेफ्टिनेंट पद पर थे। उन्होंने कारगिल की चोटी प्वायंट 4875 से दुश्मन को खदेड़ने में अहम भूमिका निभाई थी।

    लंबा था सफर

    बलिदानियों के स्वजनों के घरों तक पहुंचने का सफर लंबा था। द्रास पहुंचने के लिए इस दल के सदस्यों ने दो जुलाई को कोहिमा से मोटरसाइकिलों पर 3700 किलोमीटर की अपनी यात्रा शुरू की थी। अभियान में शामिल होने के लिए सेना के मोटरसाइकिल सवार विमान से कारगिल से कोहिमा पहुंचे थे।

    ऐसा रहा बाइक सवारों का सफर

    जून के अंत में उन्हें कारगिल युद्ध में दो नागा की कमान करने वाले सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर डीके बडोला व मौजूदा कमान अधिकारी कर्नल शैलेंद्र सिंह गोसाईं ने रवाना किया था। ये बाइक सवार बलिदानियों के घरों में पहुंचने के साथ सैन्य कार्यक्रमों में भी शामिल हुए। यात्रा के अंतिम चरण में कमान मुख्यालय ऊधमपुर में इन सवारों ने चीफ आफ स्टाफ लेफ्टिनेंट जनरल आनिंदय सेन गुप्ता को अनुभवों के बारे में जानकारी दी। कारगिल के लिए रवाना होते उन्होंने ऊधमपुर के ध्रुव वार मेमोरियल में बलिदानियों को सलामी भी दी।

    दो नागा की वीरता का इतिहास

    कारगिल युद्ध में सेना की दो नागा ने वीरता का इतिहास लिखा था। मशकोह घाटी में प्वायंट 4875 पर लड़ी गई लड़ाई में असाधारण वीरता के लिए दो नागा के अकुम एओ को महावीर चक्र से सम्मानित किया गया। यूनिट के कैप्टन डीकेएस शरावत को वीर चक्र मिला। वहीं ट्विन बम्प और रेड आन की लड़ाई में सैनिकों ने वीरता का परिचय दिया। सेना की 2 नागा को बैटल आनर मशकोह व थियेटर आनर से सम्मानित किया गया।

    इन 16 वीरों ने प्राण देकर दुश्मन से छीनी थी प्वाइंट 4875 चोटी

    1. - मेजर संदीप कुमार
    2. - हवलदार मोलन पुन नागर
    3. -नायक हरि बहादुर गाले
    4. - सिपाही संजय गुरूंग
    5. - सिपाही हिम्मत सिंह
    6. - सिपाही जय सिंह नेगी
    7. -लांस नायक मोहन सिंह
    8. -सिपाही राजेश गुरूंग
    9. - नायक अरविंद सिंह
    10. -नायक आनंद सिंह
    11. -नायक रत्न कुमार प्रधान
    12. - सिपाही कैलाश कुमार
    13. -लांस नायक शिव चरण प्रसाद
    14. -लांस नायक एस गेरनीथांग
    15. - सिपाही एनजी बेनिंगवीर मोयोन
    16. - नायक देवेन्द्र सिंह

    comedy show banner
    comedy show banner