जम्मू-कश्मीर में शिक्षा माफिया पर कड़ी कार्रवाई, JKBOSE ने 4 स्कूलों की मान्यता की रद्द, 8 पर लगाया जुर्माना
जम्मू-कश्मीर स्कूल शिक्षा बोर्ड (JKBOSE) ने शैक्षणिक मानदंडों का उल्लंघन करने वाले निजी स्कूलों पर सख्त कार्रवाई करते हुए चार स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी और आठ पर जुर्माना लगाया। बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि सभी निजी स्कूलों को एसआरओ 123 के मानदंडों का पालन करना अनिवार्य है और अभिभावकों की शिकायतों के लिए केंद्र स्थापित किए गए हैं।

JKBOSE ने यह कार्रवाई निजी प्रकाशनों का उपयोग करने वाले निजी शैक्षिक संस्थानों पर की।
डिजिटल डेस्क, जागरण, श्रीनगर। शैक्षणिक मानदंडों के उल्लंघन पर कड़ा एक्शन लेते हुए जम्मू कश्मीर स्कूल शिक्षा बोर्ड (JKBOSE) ने अनुमोदित पुस्तकों के बजाय निजी प्रकाशनों को निर्धारित करने वाले निजी शिक्षण संस्थानों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू की है।
जेकेबीओएसई की संयुक्त सचिव शहनाज चौधरी ने कहा कि बोर्ड के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने पर चार निजी स्कूलों अपनी मान्यता खो देंगे जबकि आठ अन्य पर जुर्माना लगाया गया है।
उन्होंने कहा कि हमने जिलों के कई स्कूलों का निरीक्षण किया है और जहां भी निजी प्रकाशनों का उपयोग पाया गया, वहां कार्रवाई की गई है। हमने आठ स्कूलों पर जुर्माना लगाया है जबकि चार स्कूलों की मान्यता समाप्त की जा रही है।
सख्ती से करना होगा मानदंडो का पालन
शहनाज़ ने कहा कि जेकेबीओएसई से संबंधित प्रत्येक निजी स्कूल एसआरओ 123 के मानदंडों का पालन करने के लिए बाध्य है। "धारा 11 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि इन स्कूलों में केवल बोर्ड द्वारा निर्धारित पुस्तकें ही इस्तेमाल की जाएंगी। उन्होंने बताया कि जेकेबीओएसई की पाठ्यपुस्तकें एनसीईआरटी मानकों पर आधारित हैं और सीखने के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में भी सहायक हैं।
चौधरी ने कहा कि निजी प्रकाशन छात्रों पर भारी बोझ डालते हैं जबकि बोर्ड की पाठ्यपुस्तकें तुलनात्मक रूप से सस्ती होती हैं। निजी किताबें अभिभावकों को हज़ारों में पड़ रही हैं जबकि बोर्ड की किताबों की कीमत सैकड़ों में है। उन्होंने अभिभावकों से अपने बच्चों के लाभ के लिए निर्धारित पाठ्यक्रम पर निर्भर रहने का आग्रह किया।
शैक्षणिक बोझ कम करना है उद्देश्य
2020 की बैग नीति, जिसका उद्देश्य छोटे बच्चों पर शैक्षणिक बोझ कम करना है, के कार्यान्वयन का उल्लेख करते हुए शहनाज ने कहा कि नर्सरी और प्राथमिक कक्षाओं के लिए स्कूल बैग नहीं होने चाहिए। कक्षा एक और दो में वज़न एक से 1.3 किलोग्राम के बीच होना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि शिक्षा तनाव मुक्त होनी चाहिए और अत्यधिक किताबों पर निर्भर नहीं होनी चाहिए।
पिछली कानूनी चुनौतियों के बारे में बात करते हुए संयुक्त सचिव शहनाज़ ने कहा कि कुछ स्कूलों ने 2022 में निजी प्रकाशन शुरू करने की अनुमति लेने के लिए बोर्ड को अदालत में घसीटा था। "तब भी माननीय न्यायालय ने धारा 26 के तहत बोर्ड के पक्ष में फैसला सुनाया था। कहा गया था कि स्कूलों को जेकेबीओएसई द्वारा निर्धारित पुस्तकों का पालन करना होगा।"
मुख्यालय-उपकार्यालयों में स्थापित किए गए हैं शिकायत केंद्र
अभिभावकों की चिंताओं को दूर करने के लिए शहनाज चौधरी ने कहा कि मुख्यालय और सभी उप-कार्यालयों में शिकायत केंद्र स्थापित किए गए हैं। उन्होंने आगे कहा कि अभिभावक स्वतंत्र रूप से शिकायत दर्ज करा सकते हैं। वे हमारे कार्यालयों में आ सकते हैं, अपनी शिकायतें लिखित रूप में प्रस्तुत कर सकते हैं। आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
शहनाज ने यह भी कहा कि इस अभियान का उद्देश्य छात्रों के कल्याण को प्राथमिकता देना, सामर्थ्य सुनिश्चित करना और केंद्र शासित प्रदेश के निजी स्कूलों में एक समान शैक्षणिक मानक बनाए रखना है।

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