जम्मू-कश्मीर में सब्सिडी की रफ्तार सुस्त, ट्रैक्टर तो मिल गए, किसानों को अभी भी 50 प्रतिशत सब्सिडी का इंतजार
जम्मू-कश्मीर में किसानों को ट्रैक्टर तो मिल गए हैं, लेकिन वे अभी भी 50 प्रतिशत सब्सिडी का इंतजार कर रहे हैं। सब्सिडी की रफ्तार सुस्त होने से किसानों म ...और पढ़ें

किसान चाहते हैं कि सरकार और कृषि विभाग इस समस्या को गंभीरता से लें।
संवाद सहयोगी, आरएसपुरा। सरकार की हालिस्टिक एग्रीकल्चर डेवलपमेंट प्रोग्राम योजना किसानों के लिए राहत बनने के बजाय अब चिंता का कारण बनती जा रही है। योजना के तहत 50 प्रतिशत सब्सिडी पर ट्रैक्टर लेने वाले दर्जनों किसान महीनों नहीं, बल्कि साल–डेढ़ साल से सब्सिडी के पैसे का इंतजार कर रहे हैं।
ट्रैक्टर तो किसानों ने कृषि विभाग की पूरी मंजूरी और औपचारिकता के बाद ले लिए, लेकिन उनके खातों में आज तक सब्सिडी की राशि नहीं पहुंची। नतीजा यह है कि किसान बैंकों के कर्ज और ब्याज के बोझ तले दबते जा रहे हैं। योजना के प्रावधानों के अनुसार, किसान कृषि विभाग में आवेदन करता है।
स्वीकृति मिलने के बाद किसान ट्रैक्टर खरीदता है और उसके पश्चात ट्रैक्टर की 50 प्रतिशत सब्सिडी सीधे किसान के खाते में ट्रांसफर की जानी होती है। लेकिन आरएसपुरा क्षेत्र के कई किसान ऐसे हैं, जिन्होंने ट्रैक्टर खरीद लिए, पर सब्सिडी का पैसा अब तक नहीं मिला। किसानों का कहना है कि उन्होंने विभाग की अनुमति के बिना कोई ट्रैक्टर नहीं लिया। इसके बावजूद उन्हें बार-बार चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
पूरी सब्सिडी की राशि ब्याज में ही चली जाएगी
कई किसानों ने ट्रैक्टर बैंक लोन पर खरीदे हैं और सब्सिडी न मिलने के कारण हर महीने भारी ब्याज अदा करना पड़ रहा है। किसान देस राज ने बताया कि उन्होंने करीब डेढ़ साल पहले सरकार की योजना के तहत ट्रैक्टर खरीदा था, लेकिन आज तक उनके खाते में सब्सिडी नहीं आई। उन्होंने बैंक से लोन लेकर ट्रैक्टर लिया है और हर महीने ब्याज चुका रहे हैं। उनका कहना है कि यदि सरकार समय पर सब्सिडी नहीं देती, तो पूरी सब्सिडी की राशि ब्याज में ही चली जाएगी।
ऐसे में इस योजना का लाभ क्या रह जाएगा? किसान का साफ कहना है कि अगर सब्सिडी है तो उपकरण लेते समय या तुरंत बाद मिलनी चाहिए, तभी किसान को उसका वास्तविक लाभ मिलेगा। इसी तरह किसान अजीत सिंह ने भी बताया कि उन्होंने ट्रैक्टर सब्सिडी के लिए आवेदन किया था और ट्रैक्टर भी ले लिया, लेकिन काफी समय बीत जाने के बाद भी सब्सिडी का पैसा उनके खाते में नहीं आया।
बैंक ब्याज देते-देते परेशान हो चुके हैं किसान
बैंक ब्याज देते-देते किसान परेशान हो चुके हैं। किसानों का सवाल है कि जब लाभ सही समय पर नहीं मिलेगा, तो ऐसी योजना का क्या मतलब। वहीं इस पूरे मामले पर कृषि विभाग के उप जिला कृषि अधिकारी अरुण जलाल का कहना है कि सरकार की इस योजना के तहत साल में केवल 20 से 25 ट्रैक्टरों की सब्सिडी ही उपलब्ध होती है। जिन किसानों ने पहले आवेदन किया है, उन्हें नियमों के अनुसार क्रमवार सब्सिडी दी जाती है।
जैसे ही विभाग को फंड उपलब्ध होता है, वैसे ही किसानों के खातों में सब्सिडी की राशि ट्रांसफर कर दी जाती है। उन्होंने कहा कि इसमें किसी तरह की लापरवाही नहीं है, बल्कि फंड की उपलब्धता के अनुसार ही भुगतान किया जाता है। हालांकि सवाल यह है कि जब किसान पहले ही ट्रैक्टर खरीद चुका है और बैंक का ब्याज चुका रहा है, तो फंड आने का इंतजार उसकी परेशानी को कैसे कम करेगा।
किसान चाहते हैं कि सरकार और कृषि विभाग इस समस्या को गंभीरता से लें, फंड की प्रक्रिया को तेज करें और लंबित सब्सिडी जल्द से जल्द किसानों के खातों में ट्रांसफर करें, ताकि योजनाएं कागजों में नहीं, बल्कि जमीन पर किसानों के लिए वास्तव में फायदेमंद साबित हो सकें।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।