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    जम्मू-कश्मीर सीमा पर अंधेरे व कोहरे में भी दुश्मनों को नहीं मिलेगा बचने का मौका, सुरक्षाबलों का तलाशी अभियान जारी

    By Vivek Singh Edited By: Rahul Sharma
    Updated: Mon, 22 Dec 2025 11:37 AM (IST)

    जम्मू-कश्मीर सीमा पर सुरक्षाबलों ने अंधेरे और कोहरे में भी दुश्मनों को ढूंढने के लिए तलाशी अभियान जारी रखा है। सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है ताकि किसी भ ...और पढ़ें

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    सीमा के संवेदनशील हिस्सों में कई विशेष नाके भी स्थापित किए गए हैं।

    राज्य ब्यूरो, जम्मू। कड़ी ठंड में घने कोहरे की आड़ में घुसपैठ करने के मौके तलाश रहे देश के दुश्मनों की धरपकड़ के लिए सीमा पर तलाशी अभियान जोरों पर है। सीमा पार व देश के अंदर छिपे दुश्मन को खाेजने के लिए सीमा प्रहरी, जम्मू कश्मीर पुलिस के जवानों के साथ मिलकर सीमांत क्षेत्रों को खंगाल रहे हैं।

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    दिसंबर महीने के दूसरे पखवाड़े के शुरूअात के साथ जम्मू संभाग के कठुआ, सांबा व जम्मू जिले में 192 किलोमीटर अंतरराष्ट्रीय सीमा कोहरे से दृश्यता बहुत कम हो गई है। कुछ मीटर दूर कुछ दिखाई नही दे रहा है। ऐसे में मौसम की चुनौतियों के बीच सीमा की सुरक्षा को अभेद बनाने के लिए सीमा प्रहरियों के अनुभव के साथ अंधेरे, कोहरे में दूर तक देखने में सक्षम आधुनिक यंत्र काम आ रहे हैं।

    70 के करीब आतंकी घुसपैठ की फिराक में

    सुरक्षा एजेंसियों को ऐेसी पुख्ता सूचनाएं मिली थी कि जम्मू संभाग में अंतरराष्ट्रीय सीमा व नियंत्रण रेखा पर 70 के करीब आतंकवादी लांचिंग पैड़ों पर घुसपैठ के मौके की तलाश में हैं। इनमें से बारह लांचिग जम्मू में अंतराष्ट्रीय सीमा के पार पाकिस्तान के सियालकोट व जफरवाल इलाकों में सक्रिय हैं।

    इसे ध्यान में रखते हुए सुरक्षा ग्रिड को और मजबूत बनाने के लिए सेना, सीमा सुरक्षा बल व जम्मू कश्मीर पुलिस मिलकर काम कर रहे हैं। कठुआ से लगते पठानकोट के बमयाल इलाके से लेकर अखनूर तक नदी, नालों से सटे इलाकों में अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों की तैनाती के साथ सीमा के संवेदनशील हिस्सों में कई विशेष नाके भी स्थापित किए गए हैं।

    विंटर मैनेजमेंट रणनीति के तहत तीन मोर्चाें पर काम हो रहा

    सीमा सुरक्षा बल द्वारा इस समय अपनाई जा रही विंटर मैनेजमेंट रणनीति के तहत तीन मोर्चाें पर काम हो रहा है। सीमा पार आतंकियों की निगरानी के लिए सर्तकता के स्तर को बढ़ाने के साथ सीमा से सटे अपने इलाकों में ऐसे संदिग्धों की तलाश की जा रही है जो घुसपैठ करने वाले आतंकियों के सहयोगी हो सकते हैं। इसके साथ सीमांतवासियों को जागरूक करने के साथ आधुनिक सेल्फ लोडिंग राइफलों से लैस विलेज डिफेंस ग्रुप के सदस्यों काे प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

    पिछले कुछ दिनों के दौरान सीमा प्रहरियों ने कठुआ जिले के पहाड़पुर, साथ लगते पठानकोट के बमयाल, सांबा, रामगढ, जम्मू जिले के सुचेतगढ़, अखनूर के कानाचक इलाकों में तलाशी अभियान चलाने के साथ सीमांत वासियों को भी सर्तकता के स्तर को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया है।

    वीडीजी सदस्यों को दी आधुनिक सेल्फ लोडिंग राइफलों की ट्रेनिंग

    गत दिनों सीमा प्रहरियों ने सुचेतगढ़ में विलेज डिफेंस ग्रुप के सदस्यों के लिए हथियार संचालन प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया था। इस दौरान वीडीजी के सदस्यों को आधुनिक सेल्फ लोडिंग राइफलों के इस्तेमाल से सुरक्षा व आत्मरक्षा की ट्रेनिंग दी। ऐसे ट्रेनिंग अन्य जगहों पर भी चल रही है।

    इस समय सीमा पर सुरक्षा के स्तर को और पुख्ता बनाने के अभियान के तहत सीमा पर वरिष्ठ अधिकारियों के दौरे जारी हैं। गत सप्ताह बीएसएफ के महानिदेशक प्रवीण कुमार ने बल की पश्चिमी कमान के एडीजी सतीश एस खंडारे व जम्मू फ्रंटियर के आइजी शशांक आनंद के साथ मिलकर सीमा सुरक्षा की रणनीति बनाई थी।

    इन अधिकारियों ने जम्मू के साथ सांबा व कठुआ में सीमांत क्षेत्रों में अत्याधुनिक उपकरणों पर आधारित बार्डर मैनेजमेंट सिस्टम, घुसपैठ-रोधी ग्रिड के साथ समग्र सुरक्षा व्यवस्थाओं की समीक्षा की थी।