जम्मू-कश्मीर स्टेट पावर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड में जेम पोर्टल के माध्यम से करोड़ों का घपला, जानिए पूरा मामला
जम्मू-कश्मीर स्टेट पावर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड में जेम पोर्टल के माध्यम से करोड़ों के घपले का मामला सामने आया है। इस मामले में वित्तीय अनियमितता ...और पढ़ें

जम्मू-कश्मीर एंटी-करप्शन ब्यूरो ने सभी सरकारी विभागों को अलर्ट नोट जारी किया था।
जागरण संवाददाता, जम्मू। जम्मू-कश्मीर स्टेट पावर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (जेकेएसपीडीसीएल) में 200 से 300 प्रतिशत ज्यादा कीमत पर सामान खरीद कर लाखों, करोड़ों रुपये का घपला किया गया है। इसकी जांच सीबीआई से करवाई जानी चाहिए।
वीरवार को जम्मू में पत्रकाराें को संबोधित करते हुए आरटीआई कार्यकर्ता एवं समाज सेवक बलविंद्र सिंह ने जेम पोर्टल के माध्यम से किए जा रहे घपलों के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि विभाग ने चेहते वेंडरों से अपनी पसंद के रेट पर सामान खरीदने के लिए जेम प्रोसेस में चालाकी से हेरफेर किया।
एंटी-करप्शन ब्यूरो ने सभी सरकारी विभागों को अलर्ट नोट जारी किया था
आरटीआई के जवाबों से पता चला कि कई सामान मौजूदा मार्केट रेट से 200 से 300 प्रतिशत ज्याददा कीमत पर खरीदे गए थे। उन्होंने कहा कि बार-बार सामने आने और ऑफिशियल अलर्ट के बावजूद गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (GeM) स्कैम बिना रुके जारी है। सिंह ने याद किया कि 31 अप्रैल 2022 को उन्होंने जम्मू के स्वास्थ्य निदेशालय और ग्रामीण विकास विभाग से जुड़े 500 करोड़ से ज्यादा के जेम घोटाले का पर्दाफाश किया था जिसके बाद जम्मू-कश्मीर एंटी-करप्शन ब्यूरो ने सभी सरकारी विभागों को अलर्ट नोट जारी किया था।
सिंह ने कहा कि आरटीआई से मिली नई जानकारी से जम्मू-कश्मीर स्टेट पावर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (जेकेएसपीडीसीएल) में चौंकाने वाली गड़बड़ियां सामने आई हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, जेम के जरिए की गई खरीदारी में बड़े पैमाने पर वित्तीय गड़बड़ियां की गईं। सिंह ने आरोप लगाया कि खरीदार, जेकेएसपीडीसीएल जम्मू के डिप्टी जनरल मैनेजर, उस समय के चीफ अकाउंट्स आफिसर और दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत से खरीदारी की गई।
सिंह ने मीडिया के सामने इनवॉइस पेश किए
खास उदाहरण देते हुए सिंह ने मीडिया के सामने इनवॉइस पेश किए। उन्होंने बताया कि जेकेएसपीडीसीएल के डिप्टी जनरल मैनेजर ने दो ब्रिजस्टोन ट्यूबलेस टायर (205/6515) जेम इनवॉइस नंबर GEM-56817735 के ज़रिए 20.03.2025 को 18,000 प्रति टायर के हिसाब से खरीदे, जबकि बाजार में इनकी कीमत लगभग 6,950 था, जो 160 प्रतिशत से ज्यादा दिखता है।
इसी तरह चार अपोलो ट्यूबलेस टायर (145/8012) इनवॉइस नंबर GEM-57136127 के ज़रिए 22.03.2025 को 12,375 प्रति टायर के हिसाब से खरीदे गए, जबकि उस समय इनकी बाजार में कीमत लगभग 2,800 था जो 340 प्रतिशत ज्यादा है। सिंह ने आगे बताया कि चार अपोलो ट्यूबलेस टायर (185/8516) 20.05.2025 के इनवॉइस नंबर 58918143 के ज़रिए 12,000 प्रति टायर के हिसाब से खरीदे गए, जबकि मार्केट प्राइस लगभग 6,600 था।
उन्होंने कहा कि हैरानी की बात है कि आठ दिन बाद वही दो टायर फिर से 28.05.2025 के एक और जेम इनवॉइस के जरिए 18,000 प्रति टायर के हिसाब से खरीदे गए जो पिछले टायर से 6000 ज्यादा और मार्केट रेट से 172 प्रतिशत ज़्यादा था। उन्होंने आरोप लगाया कि कॉम्पिटिटिव बिडिंग और स्क्रूटनी से बचने के लिए जेकेएसपीडीसीएल ने जानबूझकर परचेज ऑर्डर को 50,000 से कम रखने के लिए बांट दिया। 20.03.2025 को 36,000 और 22.03.2025 को 49,500 का आर्डर दिया जिससे जेम के ट्रांसपेरेंट प्रोक्योरमेंट प्रोसेस का मकसद ही खत्म हो गया।
कई सामान मौजूदा मार्केट रेट से 200-300% ज्याददा कीमत पर खरीदे
सिंह ने कहा कि जेकेएसपीडीसीएल के एक और खरीदार डिप्टी जनरल मैनेजर ने आरएक्स इन्फोटेक प्राइवेट लिमिटेड के बनाए 15 लैपकेयर-कम्पैटिबल टोनर कार्ट्रिज 1,144.87 प्रति यूनिट की कीमत पर जेम इनवॉइस नंबर 59087894, तारीख 26.05.2025 के जरिए खरीदे। उसी दिन उन्होंने जेम इनवॉइस नंबर GEM-59087910, तारीख 26.05.2025 के ज़रिए उसी स्पेसिफिकेशन के दो और कार्ट्रिज खरीदे लेकिन अलग और काफी ज्यादा कीमत पर 1,878 प्रति यूनिट जबकि ऑनलाइन कीमत लगभग 600 से 650 प्रति कार्ट्रिज था जो मौजूदा मार्केट रेट से लगभग 75 से 185 प्रतिशत ज्यादा कीमत दिखाता है।
चिंता जाहिर करते हुए सिंह ने सवाल किया कि चीफ अकाउंट्स आफिसर ने बाजार की कीमतें जांचे बिना पेमेंट कैसे जारी कर दी, जिससे यह साबित होता है कि 19.09.2022 को जारी एसीबी अलर्ट के बावजूद जमीन पर कुछ भी नहीं बदला है। उन्होंने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से इस मामले को खरीदार-विक्रेता के गठजोड़ की गहरी जांच के लिए सीबीआई को सौंपने की अपील की।
उन्होंने यह भी मांग की कि एसीबी पहले और अभी के जेम घोटालों में शामिल सभी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करे जिसमें हेल्थ डायरेक्टरेट और RDD के अधिकारी भी शामिल हैं। पत्रकार वार्ता के दौरान मंजीत सिंह बाली, राजेंद्र सिंह सूदन, महेश कोतवाल, अनिल नरगोत्रा, जनक सिंह, सितेंद्र पाल सिंह भी मौजूद थे।

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