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    जम्मू-कश्मीर सरकार की बड़ी पहल, सीमांतवासियों के लिए बंकर और बाढ़ पीड़ितों के लिए मुआवजे का प्रस्ताव केंद्र को भेजा

    By Naveen Sharma Edited By: Rahul Sharma
    Updated: Mon, 08 Dec 2025 07:32 PM (IST)

    जम्मू कश्मीर सरकार ने सीमांत निवासियों के लिए बंकर और बाढ़ पीड़ितों के लिए मुआवजे का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है। इस पहल का उद्देश्य सीमावर्ती क् ...और पढ़ें

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    सरकार की ओर से यह प्रस्ताव केंद्र को भेजा गया है ताकि जल्द से जल्द इस पर कार्रवाई हो सके।

    राज्य ब्यूरो, जम्मू। केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रदेश सरकार ने दुश्मन की गोलाबारी के दौरान सीमांतवासियों के जान माल की सुरक्षा के लिए और बंकर बनाए जाने के साथ ही बाढ़ पीड़ितों के लिए पर्याप्त मुआवजे से संबधित दो अलग अलग प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजे हैं।

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    यह जानकारी सोमवार को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने आपरेशन सिंदूर और प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित परिवारों के लिए नए घरों के निर्माण कार्य का शिलान्यास किए जाने के अवसर पर दी। आपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी गोलाबारी से पूरी तरह क्षतिग्रस्त हुए 350 घरों का निर्माण लगभग 35 करोड़ रूपये की हाई-रेंज रूरल डेवलपमेंट सोसाइटी(एचआरडीएस इंडिया) की मदद से निश्शुल्क बनाया जाएगा। प्रत्येक घर तीन बेडरुम का होगा और इसमें जीवन की मूलभूत सुविधाएं भी होंगी।

    उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने अपने संबोधन में जम्मू कश्मीर के प्रत्येक नागरिक, प्रत्येक वर्ग और प्रत्येक क्षेत्र के समन्वित और समग्र विकास के प्रति अपनी संकल्पबद्धता को दोहराया। उन्होंने आपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सुरक्षाबलों ने पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था,जिससे हताश हुए पाकिस्तान ने हमारे सीमांतइलाकों में नागरिकों पर बिना किसी उकसावे के गोलाबारी की। इसमें कई लोगों के मकान नष्ट हो गए। इसके बाद बाढ़ और भूस्खलन से भी कई लोग बेघर हुए हैं।

    जल्द ही बाढ़ पीड़ितों के लिए एक पैकेज जारी किया जाएगा

    उपराज्यपपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि यह लोगों के लिए मुश्किल समय था क्योंकि बाढ़ और आपरेशन सिंदूर के दौरान सीमा पर गोलाबारी की वजह से बुनियादी ढांचागत सुविधाओं को भारी नुकसान हुआ है।। उन्होंने कहा कि मैं उन लोगों को श्रद्धांजलि देता हूं जिन्होंने इन दोनों विपदाओं में जान गंवाई। पीड़ितों के जख्म भरने की कोशिश शुरू कर दी गई है। प्रशासन ने प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए सभी कदम उठाए और सभी विभागों व संगठनों ने कड़ी मेहनत की और कई लोगों की जान बचाने में कामयाब रहीं।

    उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और केंद्रीय कृषि मंत्री ने जम्मू-कश्मीर का दौरा किया और पीड़ितों की हरसंभव मदद का यकीन दिलाया है। हमने केंद्र सरकार को एक विस्तृत रिपोर्ट भेजी है और मुझे उम्मीद है कि जल्द ही बाढ़ पीड़ितों के लिए एक पैकेज जारी किया जाएगा। इसी तरह हमने सीमांतवासियों के लिए सामुदायिक और सामूहिक बंकरों के और निर्माण का भी प्रस्ताव तैयार कर, केंद्र को भेजा है। केंद्र सरकार नए बंकरों के निर्माण पर गंभीरता से विचार कर रही है। जम्मू जिले के सीमांत इलाकाकें में मौजूदा समय में 1298 बंकर हैं।

    एनजीओ 1500 मकान बनाकर दे रही

    उन्होंने एचआरडीएस के साथ समझाैते का उल्लेख करते हुए कहा कि यह एनजीओ 1500 मकान बनाकर दे रही है,लेकिन इसने हमें यकीन दिलाया कि यह सभी पीड़ितों की मदद करेगी। प्रभावित परिवारों के लिए घर सरकारी खजाने से एक पैसा खर्च किए बिना बनाए जा रहे हैं। एक घर बनाने पर दस लाख रुपये खर्च होंगे ।यह मकान सिर्फ जिला जम्मू में ही नहीं राजौरी-पुंछ, किश्तवाड़,बारामुला व कुपवाड़ा में भी बनाए जा रहे हैं। जिला जम्मू में 350 मकान बनाए जा रहे हैं।

    पांच-छह वर्ष में जम्मू कश्मीर में बहुत बड़ा बदलाव आया है

    उन्होंने कहा कि विगत पांच-छह वर्ष में जम्मू कश्मीर में बहुत बड़ा बदलाव आया है और इसका श्रेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जाता है, जिन्होंने केंद्र शासित प्रदेश के पूरे विकास के लिए कई कदम उठाए। पीएम आवास योजना, पीएम ग्रामीण सड़क योजना, हर घर नल से जल और इन जैसी अन्य योजनाओं से ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को बहुत फ़ायदा हुआ है।

    हमनें यहां ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में बुनियादी ढांचागत सुविधाओं को विकसित किया है। गरीबों और पिछड़ों को उनका अधिकार दिलाते हुए उनके सामाजिक-आर्थिक उत्थान को गति दी है। पूरे प्रदेश में विशेषकर तेज़ी से विकास सुनिश्चित किया है। हमने कई चुनौतियों के बावजूद एक मजबूत, टिकाऊ वृद्धि-विकास दर को हासिल प्राप्त किया है।

    जम्मू प्रांत में विकास और बदलाव एक नया दौर शुरू हुआ है

    उपराज्यपाल ने शरदकालीन राजधानी जम्मू जिसे मंदिरों का शहर भी पुकारा जाता है, के समग्र और समन्वित विकास का यकीन दिलाते हुए कहा कि जम्मू को एक समावेशी शहरी केंद्र के रूप में विकसिल करने का लगातार प्रयास जारी है। जम्मू प्रांत में तेज आर्थिक विकास और समाजिक बदलाव एक नया दौर शुरू हुआ है।हमने कम समय में बड़े पैमाने पर परियोजनाओं को पूरा किया है।

    इन परियोजनाओं से जम्मू के शहरी बुनियादी ढांचा और नागरिक-केंद्रित सेवाओं को काफी मजबूत किया है, अत्याधुनिक सुविधाओं और सुव्यवस्थित नागरिक सुविधाओं के माध्यम से गतिशीलता को बढ़ाया है, और शहरी सुंदरता में सुधार किया है।उन्होंने जम्मू-अखनूर प्रोजेक्ट को चौड़ा करने और मुबारक मंडी काम्प्लेक्स को ठीक करने, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स वगैरह का भी ज़िक्र किया, जो जम्मू में तेज़ी से चल रहे हैं।

    पीड़ितों में 8.22 करोड़ रुपये का मुआवजा बांटा गया

    उपराज्यपाल ने इस अवसर पर जुलाई-अगस्त में प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा के बाद प्रभावित लोगों को तुरंत सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने और उनकी लगातार देखभाल सुनिश्चित करने में जिला प्रशासन और विभिन्न एजेंसियों द्वारा दिखाए गए शानदार तालमेल और समर्पण की सराहना की।

    उन्होंने आपरेशन सिंदूर और प्राकृतिक आपदाओं के दौरान बचाव और राहत कार्यों के दौरान डिवीजनल और जिला प्रशासन, पुलिस, सेना, केंद्रीय अर्धसैन्य बदलों, आपदा प्रतिक्रिया बलों, इमरजेंसी रेस्पान्डर्स, श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड, सिविल सोसाइटी के सदस्यों और स्वयंसेवकों के योगदान को भी सराहा और बताया कि जम्मू जिले में कुल 4,309 लाभार्थियों को सहायता प्रदान करते हुए पीड़ितों में 8.22 करोड़ रुपये का मुआवजा बांटा गया है।

    लाभार्थियों में भूस्खलन से प्रभावित 23 परिवार भी शामिल 

    उन्होंने बताया कि जिला जम्मू आपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान द्वारा बिना उकसावे के की गई गोलीबारी में दुखद रूप से जान गंवाने वाले एक नागरिक के परिजनों को अनुग्रह राशि और सरकारी नौकरी दी गई। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस अवसर पर लाभार्थियों से भी बातचीत की और प्रभावित परिवारों के पूरे पुनर्वास के लिए भारत सरकार और जम्मू कश्मीर प्रदेश प्रशसन के सकंल्प को दोहराया। लाभार्थियों में राह साल्योटे गांव में भूस्खलन से प्रभावित 23 परिवार भी शामिल हैं। जिला प्रशासन पिछले तीन महीनों से इन परिवारों को खाना और रहने की अस्थायी सुविधा प्रदान कर रहा है।

    प्री-फैब्रिकेटेड स्मार्ट हाउस होंगे सभी मकान

    एचआरडीएस द्वारा बनाए जाने वाले सभी मकान तीन बेडरुम की सुविधा वाले प्री-फैब्रिकेटेड स्मार्ट हाउस होंगे। इनका निर्माण छह महीने के अंदर पूरा होने की उम्मीद है। इन घरों में जीवन की सभी मूलभूत सुविधाओं के साथ इंटरनेट सुविधा भी होगी। इनमें गोशाला जैसी सुविधा होगी। इसके अलावा एचआरडीएस लाभार्थियों को एक बड़ा कल्याणकारी पैकेज भी प्रदान कर रहा है। इसके तहत अगले 15 सालों के लिए परिवार के सभी सदस्यों को फ़्री लाइफ़ इंश्योरेंस कवरेज, परिवार के सभी सदस्यों के लिए फ़्री सालाना हेल्थ चेकअप और अगले पांच सालों के लिए घरों की देखभाल का भी जिम्मा उठाएगा। प्रत्येक मकान की लागत10 लाख रूपये है।