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    जम्मू-कश्मीर में स्वच्छता की बड़ी उपलब्धि, 99.31 प्रतिशत गांव खुले में शौच मुक्त प्लस माडल गांव घोषित

    By Rohit Jandiyal Edited By: Rahul Sharma
    Updated: Fri, 12 Dec 2025 12:02 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर ने स्वच्छता के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। प्रदेश के 99.31 प्रतिशत गांव अब खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) प्लस मॉडल गांव घोषित हो च ...और पढ़ें

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    इससे जम्मू और कश्मीर के गांवों में स्वच्छता और स्वास्थ्य के स्तर में सुधार होगा।

    राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। जल शक्ति मंत्रालय ने लोकसभा को बताया कि जम्मू और कश्मीर ने स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण चरण-दो के तहत अपने 6216 गांवों में से 6173 गांवों को खुले में शौच मुक्त प्लस माडल गांव घोषित किया है।

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    मंत्रालय के इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट इंफार्मेशन सिस्टम पर 15 नवंबर तक दर्ज किए गए आंकड़ों के अनुसार केंद्र शासित प्रदेश में यह कवरेज दर लगभग 99.31 प्रतिशत है। यह डेटा जल शक्ति राज्य मंत्री वी सोमन्ना ने माला राय के एक सवाल के जवाब में दिया।

    राष्ट्रीय स्तर पर मंत्रालय ने बताया कि 15 नवंबर तक 586944 गांवों में से 485510 गांवों ने खुद को ओडीएफ प्लस घोषित किया है जो पूरे भारत में लगभग 82.76 प्रतिशत की कवरेज दर है।

    अप्रैल 2020 में शुरू किए गए स्वच्छ भारत मिशन-ग्रामीण चरण-दो का लक्ष्य खुले में शौच मुक्त स्थिति को बनाए रखना और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन और तरल अपशिष्ट प्रबंधन प्रणालियों का विस्तार करके और दृश्य स्वच्छता सुनिश्चित करके गांवों को ओडीएफ प्लस में बदलना है। 15 नवंबर 2025 तक मंत्रालय ने कहा कि पोर्टल पर रिपोर्टिंग के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर 485510 गांवों को ओडीएफ प्लस नामित किया गया था।

    मंत्रालय के मिले जुले आंकड़ों से पता चलता है कि 2014 से अब तक कुल 11.98 करोड़ व्यक्तिगत घरेलू शौचालय बनाए गए हैं और 2.65 लाख सामुदायिक सैनिटरी काम्प्लेक्स स्थापित किए गए हैं। चरण दो के तहत 5.25 लाख गांवों में सालिड वेस्ट मैनेजमेंट की व्यवस्था और 5.39 लाख गांवों में लिक्विड वेस्ट मैनेजमेंट की व्यवस्था की गई है।

    जम्मू और कश्मीर की लगभग पूरी तरह से ओडीएफ प्लस घोषणा ने इस केंद्र शासित प्रदेश को मिशन के गांव स्तर के इंडिकेटर्स पर सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शामिल कर दिया है। मंत्रालय ने कहा कि पोर्टल राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए प्रगति रिकॉर्ड करने का आधिकारिक रिपॉजिटरी है और ये आंकड़े स्थानीय प्रशासनों द्वारा दर्ज किए गए डेटा को दिखाते हैं।