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    जम्मू-कश्मीर में जनऔषधि केंद्रों पर मरीजों का बढ़ा विश्वास, बिक्री का आंकड़ा बढ़कर 70 करोड़ के पार

    By Rohit Jandiyal Edited By: Rahul Sharma
    Updated: Sat, 13 Dec 2025 05:51 PM (IST)

    जम्मू-कश्मीर में जनऔषधि केंद्रों पर मरीजों का विश्वास बढ़ रहा है, जिससे इनकी संख्या और दवा बिक्री में वृद्धि हो रही है। वर्तमान वित्त वर्ष में बिक्री ...और पढ़ें

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    रियायती दरों पर दवाएं मिलने से लोगों को 371 करोड़ रुपये से ज़्यादा की बचत हुई है।

    रोहित जंडियाल, जम्मू। जम्मू-कश्मीर में जनऔषधि केंद्रों पर मरीजों का विश्वास लगातार बढ़ रहा है।न सिर्फ जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़ रही है बल्कि इनमें होने वाली दवा की बिक्री भी लगातार बढ़ रही है। चालू वित्त वर्ष में विक्री के पहले के सभी रिकार्ड टूट सकते हैं।

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    जम्मू-कश्मीर में इस समय 355 जनऔषधी केंद्र खुल चुके हैं। सभी मेडिकल कालेजों व उप जिला आैर जिला अस्पतालों में भी केंद्र खुल चुके हैं।राजकीय मेडिकल कालेज जम्मू में दो केंद्र खुले हैं। इसके अतिरिक्त एसएमजीएस, चेस्ट डिजिजेस, सुपर स्पेशयलिटी, गांधीनगर और सरवाल सहित सभी प्रमुख अस्पतालों में केंद्र खुले हैं।कश्मीर में भी कमोवश इसी प्रकार की स्थिति है।अभी शेर-ए-कश्मीर इंस्टीटयूट आफ मेडिकल सांइसेज में भी केंद्र खोलने की तैयारी हो रही है।

    वित्त वर्ष 2024-25 में जनऔषधी केंद्रों में 61.95 करोड़ की दवाइयों की बिक्री हुई थी। इस वर्ष के पहले आठ महीनों में 45 करोड़ से अधिक की बिक्री हो चुकी है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार बिक्री 70 करोड़ के आसपास हो सकती है जो कि एक वर्ष में सबसे अधिक होगी।केंद्र शासित प्रदेशों में भी जनऔषधि केंद्रों में सबसे अधिक दवा जम्मू-कश्मीर में ही बेची जाती है।यहां पर कुपवाड़ा जिले में नियंत्रण रेखा के पास स्थित स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर मेडिकल कालेजों तक में स्टोर खुले हुए हैं।

    जन औषधि केंद्रों का नेटवर्क लगातार बढ़ा

    फार्मास्युटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइसेस ब्यूरो आफ इंडिया के तहत प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना की नोडल अधिकारी रिफत नज़ीर ने बताया कि केंद्र शासित प्रदेश में जन औषधि केंद्रों का नेटवर्क लगातार बढ़ा है। अब 355 केंद्र खुले हैं जिनमें से लगभग दो सौ अस्पतालों के बाहर हैं।

    रिफत ने कहा कि बाजार में मिलने वाली दवाओं की कीमतों में काफी अंतर है। सरकारी दवा दुकानों की स्थापना से लोग पिछले एक वर्ष में ही 371 करोड़ रुपये से ज़्यादा की बचत कर पाए हैं क्योंकि ये दवाएं सब्सिडी वाली दरों पर बेची जाती हैं। उन्होंने कहा कि पहले जिन क्षेत्रों में ज़रूरी दवाओं तक पहुंच सीमित थी या बिल्कुल नहीं थी, वहां पर भी केंद्र स्थापित किए गए हैं। हम लगातार इन केंद्रों का विस्तार कर रहे हैं। आने वाले दिनों में आैर भी कई स्थानों पर यह केंद्र खोले जाएंगे ताकि आम आदमी पहुंच सुनिश्चित हो सके।

    हर प्रकार की दवा उपलब्ध

    जम्मू-कश्मीर में जब जनऔषधि केंद्र स्थापित किए गए थे तब बहुत कम प्रकार की दवा उपलब्ध थी। मात्र बीस से पच्चीस प्रकार की ही दवाएं मिलती थी। लेकिन अब इन केंद्रों पर दो हजार से अधिक दवाएं और सर्जिकल उत्पाद उपलब्ध हैं। हृदय रोग, मधुमेह, कैंसर, ब्लड प्रेशर और एंटी बायाटिक तक उपलब्ध हैं।