जम्मू शहर की सबसे बड़ी अनाज मंडी को लगा अतिक्रमण का ग्रहण, फुटपाथों पर सजी हैं दुकानें
जम्मू शहर की सबसे बड़ी अनाज मंडी अतिक्रमण की समस्या से ग्रस्त है। दुकानदारों द्वारा फुटपाथों पर दुकानें लगाने से राहगीरों को चलने में परेशानी हो रही है। व्यापारियों को माल रखने की जगह की कमी का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से इस समस्या पर ध्यान देने और अतिक्रमण हटाने की मांग की है ताकि मंडी में व्यापार सुचारू रूप से चल सके।

वेयर हाउस में 5 हजार के करीब लोगों की रोजाना आवाजाही होती है।
जागरण संवाददाता, जम्मू। प्रदेश की सबसे बड़ी अनाज मंडी वेयर हाउस के फुटपाथ अतिक्रमण की चेपट में हैं। विक्रम चौक से लेकर नेहरू मार्केट, होटल एशिया चौक तक फुटपाथ पर जगह-जगह सामान सजा रहता है। रही-सही कसर फुटपाथों के किनारों पर वाहनों की पार्किंग से पूरी हो जाती है आैर राहगीर जान हथेली पर रखकर सड़कों पर चलने को मजबूर हैं।
हालत यह है कि जैसे ही विक्रम चौक से वेयर हाउस के भीतर जाते हैं तो दोनों ही तरफ के फुटपाथ सामान से पटे मिलते हैं। दुकानदारों ने इन पर अपना सामान रखा हुआ है। कोई पूछने वाला नहीं है। यह हालत तब है जब वेयर हाउस में पुलिस पोस्ट होने के साथ विक्रम चौक में भी हर समय पुलिस की मुस्तैदी रहती है।
बावजूद इसके अतिक्रमण को हटाने अथवा फुटपाथों को खाली रखने के लिए कोई परवाह नहीं की जा रही है। हद तो यह है कि जम्मू-कश्मीर के हाईकोर्ट ने भी कई बार फुटपाथों को खाली करवाने के निर्देश दिए हैं।
अब सुप्रीम कोर्ट ने पैदल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ फुटपाथों का आडिट करने के निर्देश देश भर में अमल में लाने के लिए कहा है। देखना यह है कि जम्मू-कश्मीर में इसका पालन कितनी सख्ती से किया जाता है। हालांकि देश की राजधानी दिल्ली समेत अन्य बड़े शहरों की तुलना में जम्मू में फुटपाथों पर अतिक्रमण की समस्या कम जरूर है लेकिन राहगीरों की परेशानियां यहां भी कम नहीं।
वेयर हाउस का इतिहास
नेहरू मार्केट, वेयर हाउस वर्ष 1953 में बनाया गया था। यह 300 कनाल जमीन पर फैला हुआ है और यहां से ही जम्मू्, कश्मीर और लद्दाख संभाग में खाद्य पदार्थों की आपूर्ति की जाती है। वेयर हाउस में करीब 5000 दुकाने हैं। यहां करीब 20 हजार श्रमिक काम करते हैं। यहां से रोजाना करीब 100 ट्रकों की आवाजाही होती है और 5 हजार के करीब लोगों की रोजाना आवाजाही होती है।
क्या कहते हैं लोग
‘यह तो हद ही है न कि वेयर हाउस जैसे क्षेत्र में कुछ स्थानों फुटपाथ ही गायब हैं। सड़कों पर गाड़ियां, ट्रक होते हैं। ऐसे में कोई सड़क पर चलते दुर्घटना का हिस्सा बन जाए तो कौन जिम्मेवार होगा। लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई हो।’ -अमन शान, निवासी बेलीचराना
‘वेयर हाउस में ज्यादातर ट्रक आते हैं। सड़कों पर चलते डर लगता है। ऐसे में अगर फुटपाथ भी खाली नहीं होंगे तो लोगों की जान जोखिम में पड़ेगी ही। इसके लिए कार्रवाई की जानी चाहिए। व्यापारियों को भी सहयोग करना होगा।’ -सुरिष्टा देवी, निवासी बेलीचराना
‘अब तो सुप्रीम कोर्ट भी सख्ती दिखा रहा है। जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट पहले भी निर्देश दे चुका है। ऐसे अफसरों पर कार्रवाई होनी चाहिए जिनके अधीन यह फुटपाथ खाली करवाने का कार्य आता है। तभी फुटपाथ पूरी तरह खाली होंगे।’ --विजय सिंह, निवासी विक्रम चौक‘हमने पहले भी कई बार फुटपाथों को खाली करवाया। यह अच्छी बात है कि सुप्रीम कोर्ट ने फुटपाथों के आडिट करने के निर्देश दिए हैं। फुटपाथों को खाली करवाया ही जाना चाहिए। यह राहगीरों की जिंदगी से खिलवाड़ है। कार्रवाई जरूरी है।’ -अमित गुप्ता, पूर्व कारपोरेटर, वार्ड 19
क्या कहते हैं अधिकारी
‘फुटपाथों को खाली करवाने के लिए संयुक्त अभियान जल्द शुरू किए जाएंगे। वैसे रूटीन में अलग-अलग क्षेत्रों में अभियान चलाकर फुटपाथों को खाली करवाया जाता है। फिलहाल त्यौहारों का सीजन है तो थोड़ी सख्ती कम की गई है लेकिन अतिक्रमण की अनुमति किसी को नहीं है। कार्रवाई होगी।’ -सुबह मेहता, ज्वाइंट कमिश्नर, रेव्न्यू एंड इंफोर्समेंट, जम्मू नगर निगम
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