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    जम्मू-पुंछ मार्ग पर अवैध टेपों व टैक्सियों के परिचालन पर रोक नहीं, ट्रांसपोर्टरों ने प्रशासन के खिलाफ खोला मोर्चा

    By Surinder Raina Edited By: Rahul Sharma
    Updated: Mon, 13 Oct 2025 04:42 PM (IST)

    जम्मू-पुंछ मार्ग पर अवैध टेपों और टैक्सियों के परिचालन के खिलाफ ट्रांसपोर्टरों ने प्रशासन के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। ट्रांसपोर्टरों का आरोप है कि प्रशासन इन अवैध वाहनों पर रोक लगाने में विफल रहा है, जिससे उन्हें भारी नुकसान हो रहा है। उन्होंने विरोध प्रदर्शन कर प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है और चेतावनी दी है कि मांगें न मानी जाने पर आंदोलन तेज किया जाएगा।

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    ट्रांसपोटरों ने कहा कि अगर यह अवैध परिचालन बंद नहीं हुआ तो उन्हें सड़कों पर उतरने को मजबूर होना पड़ेगा।

    जागरण संवाददाता, जम्मू। जम्मू-पुंछ मार्ग पर अवैध टेपों व टैक्सियों के परिचालन से परेशान जम्मू-पुंछ रूट के ट्रांसपोर्टरों ने प्रशासन से गुहार लगाई। जम्मू के न्यू जनरल बस स्टैंड पर जम्मू पुंछ ग्रुप के तीन वाइ दो के प्रधान शेर सिंह, दो वाइ दो के प्रधान मोहिंद्र सिंह व अन्य ने पत्रकारवार्ता का आयोजन कर जम्मू-पुंछ रूट पर टेंपों व टैक्सियों के अवैध परिचालन पर रोक लगाने की मांग की।

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    पत्रकारवार्ता को संबोधित करते हुए प्रधान शेर सिंह ने कहा कि टेंपों व टैक्सियां कान्ट्रैक्ट कैरिज के तौर पर सवारियों को लेकर जा सकते हैं। यानि इन्हें पहले से ही किसी ग्रुप की ओर से किराए पर लिया जा सकता है, लेकिन मौजूदा समय यह टेंपो एक एक, दो दो सवारियों को बीच रास्ते से बिठा लेते हैं और उन्हें जम्मू से पुंछ, राजाैरी और पुंछ राजौरी से जम्मू तक ला रहे हैं।

    छाेटी गाड़ियां का असर बड़ी बसों पर पड़ रहा

    शेर सिंह का कहना है कि इन छाेटी गाड़ियां का असर हमारी बड़ी बसों पर पड़ रहा है क्योंकि उन्हें सवारियां ही नहीं मिलती। वहीं मोहिंद्र सिंह का कहना था कि इन अधिकृत टेंपों व टैक्सियों के पास रूट परमिट भी नहीं हैं और वे अवैध ही चल रहे हैं।

    वहीं पुंछ समूह के नेताओं ने आरोप लगाया है कि लगभग 60-70 अवैध टेम्पो और टैक्सियां, जो मुख्य रूप से पंजाब, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान से पंजीकृत हैं, प्रतिदिन स्टेज कैरिज के रूप में संचालित हो रही हैं।

    व्यस्त सड़कों से यात्रियों को उठाने की अनुमति दी जा रही

    इन वाहनों को निर्धारित स्टैंड के बजाय व्यस्त सड़कों से यात्रियों को उठाने की अनुमति दी जा रही है, जो मोटर वाहन अधिनियम, 1988 का उल्लंघन है।वहीं ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि इन अवैध गतिविधियों से स्थानीय बस आपरेटरों और दुकानदारों को भारी वित्तीय नुकसान हो रहा है।

    पुंछ समूह के नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर अधिकारियों ने सख्त कार्रवाई नहीं की, तो कई रुपये के जेडीए बस टर्मिनल का उद्देश्य पूरा नहीं होगा और अवैध आपरेटरों को बढ़ावा मिलेगा, जबकि कानून का पालन करने वाले ट्रांसपोर्टरों व व्यवसायियों को नुकसान होगा।