जम्मू विवि के अधीन आने वाले डिग्री कालेजों में एनसीसी इलेक्टिव विषय इसी अकादमिक सत्र से
वीसी ने उन्हें आश्वासन दिया था कि जल्द ही सभी डिग्री कालेजों के प्रिंसिपलों से बात करके विषय को लागू किया जाएगा। एनसीसी इलेक्टिव विषय शुरू करना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि इसे नई शिक्षा नीति 2020 के तहत शुरू किया जाना है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो: लद्दाख विश्वविद्यालय और कश्मीर विश्वविद्यालय के बाद अब जम्मू विश्वविद्यालय भी अपने अधीन आने वाले डिग्री कालेजों में अंडर ग्रेजुएट में एनसीसी इलेक्टिव विषय शुरू करेगा। इसके लिए जल्द ही जम्मू विवि के वीसी प्रो. मनोज धर की कालेजों के प्रिंसिपलों के साथ बैठक होगी। जम्मू विवि की कोशिश है कि इस अकादमिक सत्र से ही एनसीसी विषय शुरू किया जाए।
जम्मू विश्वविद्यालय के अधीन जम्मू संभाग के दस जिलों के 63 डिग्री कालेज आते है और क्लस्टर विश्वविद्यालय जम्मू के अधीन जम्मू शहर के पांच कालेज आते है जिनमें साइंस कालेज, मौलाना आजाद मेमोरियल कालेज, कामर्स कालेज, महिला कालेज गांधी नगर, गवर्नमेंट कालेज आफ एजूकेशन शामिल है। इन कालेजों में एनसीसी इलेक्टिव विषय क्लस्टर विश्वविद्यालय जारी करेगा। पिछले दिनों एनसीसी के अधिकारियों ने जम्मू विश्वविद्यालय के वीसी प्रो. मनोज धर व अन्य अधिकारियों के साथ बैठक कर एनसीसी इलेक्टिव कोर्स शुरू करने का मुद्दा उठाया था।
वीसी ने उन्हें आश्वासन दिया था कि जल्द ही सभी डिग्री कालेजों के प्रिंसिपलों से बात करके विषय को लागू किया जाएगा। एनसीसी इलेक्टिव विषय शुरू करना इसलिए भी जरूरी है क्योंकि इसे नई शिक्षा नीति 2020 के तहत शुरू किया जाना है। मकसद है कि विद्यार्थियों को कालेज स्तर पर एनसीसी की गतिविधियों में पूरी तरह से शामिल किया जाए। सिर्फ कुछ विद्यार्थी ही कुछ दिन का कैंप लगाने तक ही सीमित नहीं रह जाए बल्कि सभी को एनसीसी की पढ़ाई करने और कैंप लगाने का मौका मिले।
अकादमिक मामलों के डीन प्रो. नरेश पाधा का कहना है कि नई शिक्षा नीति के तहत एनसीसी को इलेक्टिव कोर्स के रूप में शुरू करने की तैयारियां चल रही है। काेरोना से उपजे हालात के कारण देरी हुई है। पीजी में इसे शुरू करने पर विचार हो सकता है। वहीं केंद्रीय विश्वविद्यालय जम्मू भी इस अकादमिक सत्र से एनसीसी कोर्स शुरू करने जा रहा है।
एनसीसी कोर्स को इस तरह से आयोजित किया जाएगा जिसमें विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ एनसीसी की गतिविधि में भाग लेने और प्रशिक्षण प्राप्त करने का मौका मिले। कोर्स तीन साल का होगा और तीन सौ घंटे कवर किए जाएंगे। इसका पाठ्यक्रम तैयार कर लिया गया है।