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    Jammu University Jobs: जम्मू यूनिवर्सिटी में 178 पदों पर निकली भर्ती, 10 जून से शुरू होगी आवेदन की प्रक्रिया

    जम्मू विश्वविद्यालय समय-समय पर पद निकालता रहता है लेकिन इतनी संख्या में पद सात-आठ साल के बाद निकाले गए हैं। निश्चित तौर पर युवाओं के लिए रोजगार के अवसर खुले हैं। युवाओं के लिए यह सुनहरा अवसर है।

    By Jagran NewsEdited By: Rajat MouryaUpdated: Mon, 12 Jun 2023 07:55 PM (IST)
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    जम्मू यूनिवर्सिटी में 178 पदों पर निकली भर्ती, 10 जून से शुरू होगी आवेदन की प्रक्रिया

    जम्मू, राज्य ब्यूरो। पोस्ट ग्रेजुएट करने के बाद नेट, सेट व पीएचडी करने वाले विद्यार्थियों को टीचिंग में रोजगार के अवसर हासिल हो रहे हैं। जम्मू विश्वविद्यालय अपने 40 पीजी विभागों में असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, प्रोफेसर के 178 पदों को भरने जा रहा है। करीब सात साल के बाद यह पहला मौका है जब जम्मू विवि इतनी संख्या में पदों को भरने जा रहा है। ये भर्ती यूनिवर्सिटी के तीन कैंपस भद्रवाह, कठुआ और पुंछ के लिए की जा रही है।

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    किन विभागों में होगी भर्ती

    विश्वविद्यालय के बायोटेक्नोलॉजी, बाटनी, बुद्ध्स्टि, सेंटर फॉर हिस्ट्री कल्चरल, केमिस्ट्री, कामर्स, कंप्यूटर, डिस्टेंस एजुकेशन, हिंदी, लाइफ लांग लर्निंग, डोगरी, धन्वंतरि लाइब्रेरी, इकोनॉमिक्स, एजुकेशन, इलेक्ट्रानिक्स, इंग्लिश, पर्यावरण विज्ञान, जियोग्राफी, जियोलॉजी, हिंदी, हिस्ट्री, इम्फा, जर्नलिज्म, कानून, लाइब्रेरी साइंस, मैथेमेटिक्स, फिजिक्स, राजनीति विज्ञान, सोशोलियॉजी, साइकालॉजी, पंजाबी, रिमोट सेंसिंग, संस्कृत, स्पोटर्स, बिजनेस स्कूल शामिल है जिनमें आरक्षित वर्ग समेत सामान्य श्रेणियों में पदों को भरा जाएगा।

    14 जून से शुरू होगी ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया

    विश्वविद्यालय ने रोस्टर के हिसाब से पदों को निकाला है। उम्मीदवार दस जुलाई तक आवेदन कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया 14 जून से शुरू हो रही है। विश्वविद्यालय की तरफ से जारी अधिसूचना में योग्यता समेत हर जानकारी विस्तार से दी गई है।

    विश्वविद्यालय में इन पदों को भरने से काफी फर्क पड़ेगा, क्योंकि पद कम होने के कारण हर साल भरे जाने वाले कांट्रेक्ट में पदों में कमी आएगी। इसके साथ जब नई नियुक्तियां होगी तो अधिक से अधिक विद्यार्थियों को पीएचडी, एमफिल करने का मौका मिलेगा।

    पीएचडी के लिए कई बार विभागों में प्रोफेसरों की कमी आड़े आती है, क्योंकि विद्यार्थी अधिक हो जाते हैं तो प्रोफेसर पर बोझ पड़ता है। हालांकि, विश्वविद्यालय समय-समय पर पद निकालता रहता है, लेकिन इतनी संख्या में पद सात आठ साल के बाद निकाले गए हैं। निश्चित तौर पर युवाओं के लिए रोजगार के अवसर खुले हैं, विशेषकर टीचिंग में प्रोफेसर पदों के लिए।

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