जम्मू में किरायेदार-नौकर रखने से पहले पुलिस वेरिफिकेशन जरूरी, नियम तोड़ा तो होगी कानूनी कार्रवाई
जम्मू में मकान मालिकों को किरायेदारों और नौकरों का पुलिस वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य कर दिया गया है। नियमों का उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ...और पढ़ें

बिना पुलिस सत्यापन के नहीं रख सकेंगे किरायेदार और नौकर। सांकेतिक तस्वीर
जागरण संवाददाता, जम्मू। जम्मू जिले में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के उद्देश्य से पुलिस प्रशासन ने किरायेदारों और दुकानों में कार्यरत सहायकों का सत्यापन अनिवार्य कर दिया है। आदेशों के बाद पुलिस ने बाजारों व मोहल्लों में लाउड स्पीकर से मुनादी कर लोगों को जागरूक करना शुरू किया है।
आदेश के बाद पुलिस ने विभिन्न थाना क्षेत्रों में संचार अभियान तेज कर दिया है। पुलिस वाहनों में सवार कर्मी बाजारों, गलियों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाकर लाउडस्पीकर के माध्यम से लोगों को चेतावनी दे रही हैं कि बिना सत्यापन कोई भी मकान मालिक या दुकान संचालक किसी को काम पर न रखें।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सभी थाना प्रभारी अपने-अपने क्षेत्रों में मोहल्ला कमेटी, बाजार एसोसिएशन और स्थानीय प्रतिनिधियों के साथ बैठकें करेंगे। इन बैठकों में उन्हें किरायेदारों और कर्मचारियों का सत्यापन समय पर करवाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
अधिकारियों ने स्पष्ट कहा कि सत्यापन न करवाना कानून का उल्लंघन है और नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई से पीछे नहीं हटेंगे। जिला प्रशासन द्वारा जारी आदेश में मकान मालिकों के लिए यह अनिवार्य किया गया है कि किसी भी नए किरायेदार को घर में रखने से पहले उसका पूरा ब्योरा पुलिस को उपलब्ध कराएं।
प्रशासन का मानना है कि सत्यापन प्रक्रिया से संदिग्ध गतिविधियों पर रोक लगेगी और अपराध पर अंकुश लगाने में बड़ी मदद मिलेगी। वहीं, एसएसपी जम्मू जोगिंदर सिंह ने बताया कि पुलिस लगातार आम जनता से अपील की है कि वे इस अभियान में सहयोग करें और समय रहते सत्यापन करवा कर किसी भी संभावित खतरे से स्वयं तथा समाज को सुरक्षित रखें।
ऐसे होता किरायेदार का सत्यापन
सत्यापन करवाने के लिए मकान मालिक अपना और किरायेदार का आधार कार्ड या अन्य सरकारी पहचान पत्र एक फार्म से साथ भर कर थाने में जमा करवाना होता है। फार्म संबंधित पुलिस थाने से मिल जाता है। फार्म जमा होने के बाद पुलिस संबंधित थाने से संपर्क कर किरायेदार के चरित्र की जांच कराती है।
यदि उसका कोई आपराधिक या आतंकी रिकार्ड सामने आता है, तो तुरंत सूचना उस जिले की पुलिस को भेजी जाती है, जहां वह वांछित होता है। सब कुछ सही पाए जाने पर किरायेदार को मंजूरी दे दी जाती है।

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