Jammu News: आईईडी विस्फोट में जम्मू का जवान बलिदान, छत्तीसगढ़ में मतदान दल में कर रहे थे ड्यूटी
IED blast in Chhattisgarh छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में नक्सलियों के लगाए आईईडी पर जम्मू के जवान का पैर पड़ने पर विस्फोट हो गया। इस विस्फोट में जवान शहीद हो गया। जम्मू के रहने वाले आईटीबीपी जवान जोगिंदर सिंह मतदान दल को लेकर वापस आ रहे थे। वहीं जवान के पार्थिव शरीर को पोस्टमार्टम के लिए गरियाबंद ले जाया गया है।
जागरण संवाददाता, जम्मू। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में स्थित बड़े गोबरा से मतदान दल को वापस लाने वाले रोड ओपनिंग पर निकले जवानों पर नक्सलियों ने आईईडी विस्फोट कर हमला कर दिया है। इस घटना में जम्मू-कश्मीर निवासी आईटीबीपी जवान जोगिंदर सिंह पिता दिलीप सिंह शहीद हो गए हैं।
नक्सलियों ने लगाए थे आईईडी
जानकारी के अनुसार, बिंद्रानवागढ़ के बड़े गोबरा मतदान केंद्र में दोपहर तीन बजे मतदान समाप्त होने के बाद मतदान दल को लेकर आईटीबीपी के जवान वापस आ रहे थे। इस दौरान जंगल में एक जवान का पैर नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी में पड़ गया।
IED पर पैर पड़ने पर हुई घटना
आईईडी पर पैर पड़ने के बाद हुए विस्फोट से घटनास्थल पर ही जवान शहीद हो गया। उन्हें मैनपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में लाया गया। जहां बीएमओ गजेंद्र ध्रुव ने इस घटना की पृष्टि की। जवान के पार्थिव शरीर को पोस्टमार्टम के लिए गरियाबंद ले जाया गया।
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बलिदानी जोगिंदर सिंह अपने पीछे पत्नी, 9 वर्ष का बेटा, बुजुर्ग माता पिता, एक बड़ा भाई, दो छोटे भाई और एक बहन छोड़ गए हैं। शुक्रवार देर शाम को आईटीबीपी मुख्यालय से जैसे ही बलिदान की सूचना परिवार को दी गई उसके बाद से परिवार के सदस्यों का रो रो कर बुरा हाल है। बलिदानी जोगिंदर सिंह के पिता दलीप सिंह भी सेना से बतौर नायब सूबेदार सेवानिवृत्त हुए है, बड़े भाई भी सेना से सेवानिवृत्त हुए है जबकि उनके दोनों छोटे भाई एक आईटीबीपी जबकि सबसे छोटा बीएसएफ में रहकर देश की सेवा कर रहा है।
गांव में शोक का माहौल
स्थानीय पंचायत सदोह के सरपंच सोमनाथ ने बताया कि बलिदानी जोगिंदर सिंह बहुत ही होनहार और जोशीला नौजवान था, घर पर छुट्टी आने पर गांव के नौजवानों को हमेशा सेना एवं अर्धसैनिक बलों में जाने के लिए प्रोत्साहित करता रहता था। इसके साथ-साथ गांव में सामाजिक कार्यों में भी बहुत रूचि दिखाता था और उसमे बढ़ चढ़ कर हिस्सा भी लेता था। उन्होंने बताया कि इसके जाने से देश के साथ साथ गांव वालों को भी बहुत दुख है।
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